मेघनाद रावण और मंदोदरी का सबसे ज्येष्ठ पुत्र था ।क्योंकि। क्योंकि रावण एक बहुत बड़ा ज्योतिष भी था जिसे एक ऐसा पुत्र चाहिए था जो कि महाबलशाली और महाप्रतापी हो,इसलिए उसने सभी ग्रहों को अपने पुत्र कि जन्म-कुंडली के 11-वें (लाभ स्थान) स्थान पर रख दिया ,परंतु रावण कि प्रवृत्ति से परिचित शनिदेव 11- वें स्थान से 12- वें स्थान (व्यय/हानी स्थान) पर आ गए जिससे रावण को मनवांछित पुत्र प्राप्त नहीं हो सका। इस बात से क्रोधित रावण ने शनिदेव के पैर पर प्रहार किया था ।