"मुहर्रम": अवतरणों में अंतर
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[[चित्र:Muharram (Ta'ziya) procession Barabanki India (Jan 2009).jpg|thumb|right|300px|मुहर्रम के मौके पर ताजिये सहित जुलूस]]
'''मुहर्रम''' इस्लामी वर्ष यानी [[हिजरी]] सन् का पहला महीना है। यह एक मुस्लिम त्यौहार भी है। हिजरी सन् का आगाज इसी महीने से होता है। इस माह को इस्लाम के चार पवित्र महीनों में शुमार किया जाता है। अल्लाह के रसूल हजरत [[
इस्लामी यानी हिजरी सन् का पहला महीना मुहर्रम है। इत्तिफाक की बात है कि आज मुहर्रम का यह पहलू आमजन की नजरों से ओझल है और इस माह में अल्लाह की इबादत करनी चाहीये जबकि पैगंबरे-इस्लाम ने इस माह में खूब रोजे रखे और अपने साथियों का ध्यान भी इस तरफ आकर्षित किया। इस बारे में कई प्रामाणिक हदीसें मौजूद हैं।
मुहर्रम की 9 तारीख को जाने वाली इबादतों का भी बड़ा सवाब बताया गया है। हजरत मुहम्मद صلی اللہ علیہ و آلہ و سلم के साथी इब्ने अब्बास के मुताबिक हजरत [[
अलबत्ता यह जरूर कहा जाता है कि इस दिन अल्लाह के नबी हजरत नूह (अ.) की किश्ती को किनारा मिला था। इसके साथ ही आशूरे के दिन यानी 10 मुहर्रम को एक ऐसी घटना हुई थी, जिसका विश्व इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान है। इराक स्थित कर्बला में हुई यह घटना दरअसल सत्य के लिए जान न्योछावर कर देने की जिंदा मिसाल है। इस घटना में हजरत[[
कर्बला की घटना अपने आप में बड़ी विभत्स और निंदनीय है। बुजुर्ग कहते हैं कि इसे याद करते हुए भी हमें हजरत [[
== करबला की जंग ==
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