"एम्पीयर का नियम": अवतरणों में अंतर
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[[चित्र:Electromagnetism.svg|250px|right|thumb|विद्युत धारा, चुंबकीय क्षेत्र पैदा करती है।]]
इस नियम का प्रतिपादन सन् १८२६ में [[आन्द्रे मैरी एम्पीयर]] (André-Marie Ampère) ने किया था। इस नियम में किसी बंद लूप पर समाकलित चुम्बकीय क्षेत्र एवं उस लूप से होकर प्रवाहित हो रही कुल [[धारा]] के बीच गणितीय सम्बन्ध स्थापित किया गया। [[जेम्स क्लार्क मैक्सवेल]] ने सन् १८६१ में इसे विद्युतगतिकीय सिद्धान्त से सिद्ध किया। वर्तमान में यह नियम [[मैक्सवेल के समीकरण|मैक्स्वेल के चार समीकरणों]] में से एक है।
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