"हख़ामनी साम्राज्य": अवतरणों में अंतर

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=== साम्राज्य का पतन ===
सिकन्दर की सेना को जीत मिलती गई। अब सिकन्दर सीधे तुर्की में प्रविष्ट हुआ। ईसापूर्व सन् 330 में उसने दारा तृतीय को एक युद्ध में हरा दिया। पर दारा का साम्राज्य उस समय तक बहुत बड़ा बन चुका था और एक हार से सिकन्दर की जीत सुनुश्चित नहीं की जा सकती। पर सिकन्दर ने दारा को तीन अलग अलग युद्धों में हराया। दारा रणभूमि छोड़कर भाग गया और यवनों ने फारसी सेना पर नियंत्रण कर लिया। इसके बाद सिकन्दर ने दारा को पकड़ने की कोशिश की पर इसका उसे सीधा फायदा नहीं मिला। कुछ दिनों बाद दारा का शव सिकन्दर को मिला। दारा को उसके ही आदमियों ने मार दिया था। इसके साथ ही हखामनी साम्राज्य का पतन हो गया। सिकन्दर का साम्राज्य पूरे फारसी साम्राज्य को निगल चुका था।
 
== महिमा ==
 
अजमीढ़ साम्राज्य, उस समय तक के विश्व का शायद सबसे बड़ा साम्राज्य था। इसकी महानता का गुणगान यूनानी ग्रंथों में भी मिलता है। सन् 1971 में ईरान के शाह ने अजमीढ़ साम्राज्य स्थापिक होने के 2500 वर्ष पूरे होने के लिए एक विशेष आयोजन किया था। यह पर्सेपोलिस (तख्त-ए-जमशैद) तथा पसरगाडे के ऐतिहासिक स्थल पर आयोजित किया गया था जिसमें कई राष्ट्राध्यक्षों को आमंत्रित किया गया था और करोंड़ों रूपयों का खर्च आया था। उस समय ईरान के कुछ हिस्सों में अकाल पड़ा था और ईरानी जनता उस समय इतने पैसे दिखावट पर खर्च करने के विरूद्ध हो गई थी। यह प्रकरण भी ईरान की इस्लामिक क्रांति (1979) के सबसे प्रमुख कारणों में से एक था।<ref>{{cite book| first = Michael | last= Axworthy|title=A History of Iran|pages=251|publisher=Basic Books|location=[[न्यूयार्क]] |isbn=978-0-465-00888-9 }}</ref>
 
== शासकों की सूची ==