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{{Infobox Politician
| name Sarvepalli Radhakrishnan = सर्वपल्ली =राधाकृष्णन<br />சர்வபள்ளி ராதாகிருஷ்ணன்
| image = Photograph of Sarvepalli Radhakrishnan presented to First Lady Jacqueline Kennedy in 1962.jpg
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}}
 
'''[https://www.bharatsanket.co.in/2019/09/dr-sarvepalli-radhakrishnan.html?m=1 डॉ॰ सर्वपल्ली राधाकृष्णन]''' ({{lang-ta|சர்வபள்ளி ராதாகிருஷ்ணன்}}; 5 सितम्बर 1888 – 17 अप्रैल 1975) [[भारत]] के प्रथम उप-राष्ट्रपति (1952 - 1962) और द्वितीय [[राष्ट्रपति]] रहे। वे [[भारतीय संस्कृति]] के संवाहक, प्रख्यात [[शिक्षाशास्त्री|शिक्षाविद]], महान दार्शनिक और एक आस्थावान हिन्दू विचारक थे। उनके इन्हीं गुणों के कारण सन् 1954 में भारत सरकार ने उन्हें सर्वोच्च सम्मान [[भारत रत्न]] से अलंकृत किया था। उनका जन्मदिन (5 सितम्बर) भारत में [[शिक्षक दिवस]] के रूप में मनाया जाता है।
 
== जन्म एवं परिवार ==
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डॉ॰ राधाकृष्णन एक ग़रीब किन्तु विद्वान ब्राह्मण की सन्तान थे। उनके पिता का नाम 'सर्वपल्ली वीरास्वामी' और माता का नाम 'सीताम्मा' था। उनके पिता राजस्व विभाग में काम करते थे। उन पर बहुत बड़े परिवार के भरण-पोषण का दायित्व था। वीरास्वामी के पाँच पुत्र तथा एक पुत्री थी। राधाकृष्णन का स्थान इन सन्ततियों में दूसरा था। उनके पिता काफ़ी कठिनाई के साथ परिवार का निर्वहन कर रहे थे। इस कारण बालक राधाकृष्णन को बचपन में कोई विशेष सुख प्राप्त नहीं हुआ।
 
=== विद्यार्थी जीवन ===
=== विद्यार्थी जीवन ===Radhakrishnanराधाकृष्णन का बाल्यकाल तिरूतनी एवं [[तिरुपति]] जैसे धार्मिक स्थलों पर ही व्यतीत हुआ। उन्होंने प्रथम आठ वर्ष तिरूतनी में ही गुजारे। यद्यपि उनके पिता पुराने विचारों के थे और उनमें धार्मिक bhavnaye भावनाएँ भी थीं, इसके बावजूद उन्होंने राधाकृष्णन को क्रिश्चियन मिशनरी संस्था लुथर्न मिशन स्कूल, तिरूपति में 1896-1900 के मध्य विद्याध्ययन के लिये भेजा। फिर अगले 4 वर्ष (1900 से 1904) की उनकी शिक्षा [[वेल्लूर]] में हुई। इसके बाद उन्होंने मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज, मद्रास में शिक्षा प्राप्त की। वह बचपन से ही मेधावी थे।
 
इन 12 वर्षों के अध्ययन काल में राधाकृष्णन ने [[बाइबिल]] के महत्त्वपूर्ण अंश भी याद कर लिये। इसके लिये उन्हें विशिष्ट योग्यता का सम्मान प्रदान किया गया। इस उम्र में उन्होंने [[वीर सावरकर]] और [[स्वामी विवेकानन्द]] का भी अध्ययन किया। उन्होंने 1902 में मैट्रिक स्तर की परीक्षा उत्तीर्ण की और उन्हें छात्रवृत्ति भी प्राप्त हुई। इसके बाद उन्होंने 1904 में कला संकाय परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की। उन्हें मनोविज्ञान, इतिहास और गणित विषय में विशेष योग्यता की टिप्पणी भी उच्च प्राप्तांकों के कारण मिली। इसके अलावा क्रिश्चियन कॉलेज, मद्रास ने उन्हें छात्रवृत्ति भी दी। [[दर्शनशास्त्र]] में एम०ए० करने के पश्चात् 1916 में वे मद्रास रेजीडेंसी कॉलेज में दर्शनशास्त्र के सहायक प्राध्यापक नियुक्त हुए। बाद में उसी कॉलेज में वे प्राध्यापक भी रहे। डॉ॰ राधाकृष्णन ने अपने लेखों और भाषणों के माध्यम से विश्व को भारतीय दर्शन शास्त्र से परिचित कराया। सारे विश्व में उनके लेखों की प्रशंसा की गयी।
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== शिक्षक दिवस ==
हमारे देश के द्वितीय किंतु अद्वितीय [[राष्ट्रपति]] डॉ॰ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिन (5 सितम्बर) को प्रतिवर्ष "'शिक्षक दिवस"' के रूप में मनाया जाता है। इस दिन समस्त देश में [[भारत सरकार]] द्वारा श्रेष्ठ शिक्षकों को पुरस्कार भी प्रदान किया जाता है है।
 
== भारत रत्न ==
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[[श्रेणी:भारत के राष्ट्रपति]]
[[श्रेणी:भारत रत्न सम्मान प्राप्तकर्ता]]
[[श्रेणी:भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति]]
[[श्रेणी:साहित्य अकादमी फ़ैलोशिप से सम्मानित‎]]