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'''काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान''' [[भारत]] के [[असम]] राज्य का एक [[राष्ट्रीय उद्यान]] है। यह उद्यान एक सींग का गैंडा ([[भारतीय गेंडा]]) के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है।
 
 
Kaziranga National Park In Hindi काजीरंगा नेशनल पार्क भारत के असम राज्य के गोलाघाट और नागांव जिले में स्थित एक बहुत ही फेमस नेशनल पार्क है। काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान दुनिया का एक ऐसा नेशनल पार्क हैं। जो एक सींग वाले गैंडों की सबसे अधिक आबादी (दो-तिहाई) के लिए प्रसिद्ध है। मार्च 2015 में जनगणना के अनुसार, काजीरंगा नेशनल पार्क में लगभग 2,401 गैंडे थे। बता दें कि इस राष्ट्रीय पार्क को 1985 में विश्व विरासत स्थल के रूप में घोषित किया गया है। काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान की संरक्षित और निरंतर जैव विवधता इसे बेहद खास बनाती है, जिसकी वजह से इस पार्क में कई तरह के जीव पाए जाते हैं। इस पार्क को भारतीय बाघों का घर भी कहा जाता है। काजीरंगा के जल निकाय और जंगल इस पार्क को बेहद खूबसूरत बनाते हैं। जिससे यहां आने वाले पर्यटकों को एक अलग ही आनंद की प्राप्ति होती है।
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== काजीरंगा नेशनल पार्क में पाये जाने वाले जानवर- ==
काजीरंगा नेशनल पार्क में एक सींग का गैंडा, जंगली पानी वाली भैंस (वाइल्ड वाटर बफेलो) और पूर्वी दलदली हिरण दुनिया में सबसे अधिक आबादी में पाएं जाने के लिए फेमस है। इस नेशनल पार्क में कुल मिलकर 35 स्तनधारी प्रजातियां पाई जाती हैं लेकिन इनमें 15 अब खतरें में हैं। इसके अलावा काजीरंगा में पाए जाने वाले अन्य जानवरों में हाथी, गौर, सांभर, जंगली सूअर, बंगाल लोमड़ी, गोल्डन सियार, आलसी भालू, भारतीय मोंटजैक, भारतीय ग्रे नेबला, छोटा भारतीय नेबला के नाम शामिल हैं। इसके साथ एक सींग वाले गेंडे, जंगली जल भैंस, दलदल हिरण, एशियाई हाथी और शाही बंगाल बाघ सबसे ज्यादा पाए जाते हैं। काजीरंगा में प्रति 5 वर्ग किमी में एक बाघ पाया जाता है। इसके अलावा पार्क में जंगली बिल्लियों की आबादी 118 है।अगर काजीरंगा में पाए जाने वाले पक्षिओं के बारे में बात करें तो इनमे सफेद-सामने वाले हंस, फेरुगिन डक, बेयर पोचर्ड बतख, काले गर्दन वाले सारस, एशियाई ओपनबिल कॉर्क, बेलीथ के किंगफिशर, सफेद बेल वाले बगुले, डालमेशियन पेलिकन, स्पॉट-बिल्व्ड के नाम शामिल हैं। इस नेशनल पार्क में गिद्धों की तीन प्रजातियाँ पाई जाती हैं। जिनके नाम हैं भारतीय गिद्ध (इंडियन वल्चर), दुबले पतले गिद्ध (सिलेंडर बिल्ड वल्चर), इंडियन वाइट वल्चर है।
 
== काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में पाए जाने वाले वनस्पति- ==
काजीरंगा में में पाए जाने वाले वनस्पति की समृद्ध विविधता यहाँ हर साल ने वाले पर्यटकों को बेहद आकर्षित करती है इसके साथ उनके मन को एक अलग शांति का अनुभव कराती है। बता दें कि राष्ट्रीय उद्यान ब्रह्मपुत्र नदी की बाढ़ से घिरा हुआ क्षेत्र है जिसकी वजह से यहाँ पाए जाने वाले पौधों, जानवरों और पक्षियों को मदद मिलती है।
 
काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में तीन प्रमुख प्रकार की वनस्पतियां पाए जाते हैं जिनमे कई तरह की घास शामिल हैं। बड़े घास, छोटे घास के अलावा यहाँ पर उष्णकटिबंधीय आर्द्र और सदाबहार वन पाए जाते हैं। यहां पर पाए जाने वाले जलीय वनस्पति जैसे कमल, जलकुंभी और जल लिली आदि इस जगह के वातावरण को बेहद सुंदर बनाते हैं। वर्ष 1986 में किए गए वनस्पतियों के सर्वेक्षण की माने तो यहां पर 41% ऊँचे हाथी घास (टाल एलीफैंट ग्रास), 29% खुले जंगल, 11% छोटी घास, 8% नदियाँ और अन्य जल स्त्रोत, 6% रेत और 4% स्वामपलैंड पाए जाते हैं।
 
== काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान का इतिहास ==
काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के इतिहास के बारे में बताया जाता है कि इस यहाँ एक गांव के पास एक लड़की रहती थी जिसका नाम रंगा था जिसको काजी नाम के एक लड़के से प्यार हो गया। घर वालों के न मानने पर दोनों घर से भाग गए और जंगल में गायब हो गये। इसलिए इस पार्क का नाम उन दोनों के नाम से काजीरंगा रखा गया है।
 
काजीरंगा के बारे में एक कहानी और सामने आती है जिसमे बताया गया है कि 16 वीं शताब्दी के दौरान एक संत-विद्वान श्रीमंत शंकरदेव ने एक निःसंतान दंपति काज़ी और रंगाई को आशीर्वाद दिया और उनसे कहा कि वो इस जगह पर एक तालाब बनाए जिससे कि उनका नाम हमेशा जाना-जाए।
 
1 जून 1905 में 232 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को काजीरंगा प्रस्तावित रिजर्व फ़ॉरेस्ट बनाया गया था। इसके इस जगह को 1908 में  रिज़र्व फ़ॉरेस्ट घोषित कर दिया गया था। इसका नाम बदलकर 1916 में काज़ीरंगा गेम रिज़र्व रख दिया गया। बाद में वर्ष 1950 में इस पार्क को काजीरंगा वन्यजीव अभयारण्य बना दिया गया। 1968 में असम राष्ट्रीय उद्यान अधिनियम पारित हुआ और काजीरंगा को राष्ट्रीय उद्यान घोषित कर दिया गया। 11 फरवरी 1974  इस पार्क को भारतीय सरकार से आधिकारिक मान्यता प्राप्त हुई। बता दें कि काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान का नाम यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल में शामिल है।
 
Written By: Johny pal
 
== सन्दर्भ ==
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