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'''गोरखा''' ([[नेपाली]]: गोरखाली) [[नेपाल]] के लोग हैं।<ref>"Gurkhas form the major population group in [[Nepal]]." Debnath, Monojit; Tapas K. Chaudhuri</ref> जिन्होने ये नाम 8 वीं शताब्दी के हिन्दू योद्धा संत श्री [[गुरु गोरखनाथ]] से प्राप्त किया था।<ref name="nbt-1mar14"/> उनके शिष्य [[बप्पा रावल]] ने राजकुमार कलभोज/राजकुमार शैलाधिश को जन्माया था, जिनका घर [[मेवाड़]], [[राजस्थान]] ([[राजपुताना]]) में पाया गया था। बाद में बप्पा रावल के वंश सुदूर पूर्व के तरफ बढ़ें और [[गोरखा जिला|गोरखा]] में अपना राज्य स्थापित किया और बाद में उन्होने [[नेपाल अधिराज्य]] को स्थापित किया। उस वंश में [[चितौड़गढ़]] के मनमथ राणाजी राव के पुत्र भूपाल राणाजी राव नेपाल के रिडी पहुंचे। <ref>https://www.royalark.net/Nepal/nepal.htm</ref> गोरखा जिला आधुनिक [[नेपाल]] के 75 जिलों में से एक है।
 
अङ्रेज के साथ योउध हो याखास्तोर्पे नेपाल एकिकरन या तिब्बत के साथ जङ हो या सिख साम्राज्ये के साथ जङ सभी जङ मे मुख्य भुमिका खस छेत्री और थकुरी सेना ने जोर सोर से लिआ। गोर्खाली साम्राज्ये के निब हि छेत्री थकुरी कि बलिदान से सम्भब हुअ। जेसे जेसे गोर्खा सम्रात पृथिबी नारायन शाह के छेत्री थकुरी सेना द्वारा नेपाल एकिकरन होता गया बस वाद मे मगर और गुरुङ फोज का गथन किआ गया। लेकिन अभि गोर्खाली भर्ती मे मध्य पश्चिम के पहाडी लडाकु जातिया जैसे कि [[मगर]], [[गुरुंग]], सुदुरपश्चिमपहाडी के लडाकु[[खस]] जातिया जो कि ([[क्षेत्री|खस/क्षेत्री]] और [[ठकुरी]]) और पूर्व से [[किरात]] जातिया होति हैं। गोरखाली लोग अपने साहस और हिम्मत के लिए विख्यात हैं और वे [[नेपाली आर्मी]] और [[भारतीय आर्मी]] के [[गोरखा रेजिमेन्ट]] और [[ब्रिटिश आर्मी]] के [[गोरखा ब्रिगेज]] के लिए भी खुब जाने जाते हैं। गोरखालीयों को [[ब्रिटिश भारत]] के अधिकारियों ने '''मार्शल रेस''' की उपाधि दी थी। उनके अनुसार गोरखाली प्राकृतिक रूप से ही योद्धा होते हैं और युद्ध में आक्रामक होते हैं, वफादारी और साहस का गुण रखते हैं, आत्म निर्भर होते हैं, भौतिक रूप से मजबूत और फुर्तीले, सुव्यवस्थित होते हैं, लम्बे समय तक कड़ी मेहनत करने वाले, हठी लड़ाकू, [[मिलेट्री रणनीति]]के होते हैं।
[[File:Kalu Pande.jpg|thumb|गोरखाके प्रसिद्ध सेनापति एवम् काजी (मन्त्री) कालु पांंडे क्षत्री खुकुरी के साथ, उनका देहान्त कीर्तिपुरमें हुआ]]
ब्रिटिश भारतीय आर्मी में इन "मार्शल रेसेज़" को भारी मात्रा में भर्ती किया गया था। भारतीय आर्मी के भूतपूर्व चीफ ऑफ स्टाफ जनरल [[सैम मानेकशॉ]] ने एक बार प्रख्यात रूप से कहा था:-
"https://hi.wikipedia.org/wiki/गोरखा" से प्राप्त