"उत्तर प्रदेश": अवतरणों में अंतर

सुधार कार्य आरम्भ।
सुधार किया, बिना सन्दर्भ के दिये कई तथ्य हटाये गयें है।
पंक्ति 91:
| native_name_lang =
}}
 
[[चित्र:United Provinces 1903.gif|right|thumb|250px| आगरा और अवध संयुक्त प्रांत 1903]]
 
'''उत्तर प्रदेश''' [[उत्तर भारत]] का एक राज्य है। लगभग 20 करोड़ से अधिक निवासियों के साथ, यह भारत में सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य है, और साथ ही दुनिया में सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश उपखंड है। यह 1 अप्रैल 1937 को [[ब्रिटिश शासन]] के दौरान [[संयुक्त प्रांत आगरा व अवध]] के रूप में स्थापित किया गया था । ब्रिटिश शासनकाल में इसे यूनाइटेड प्रोविन्स कहा जाता था जो कि 1950 में बदलकर उत्तर प्रदेश किया गया। इस तरह सामान्य बोलचाल में यू०पीo कहे जाने वाले प्रांत का अधिकारिक नाम बदलने के बाद भी संक्षिप्त नाम अपरिवर्तित ही रहा । राज्य की प्रशासनिक व विधायिक राजधानी [[लखनऊ]], और न्यायिक राजधानी इलाहाबाद [[प्रयागराज]] है, और प्रशासनिक कारणों से इसे 18 मंडलों और 75 जिलों में विभाजित किया गया है। 9 नवंबर 2000 को, एक नया राज्य, [[उत्तराखंड]], राज्य के हिमालयी पहाड़ी क्षेत्र से बनाया गया था। राज्य की दो प्रमुख नदियाँ, [[गंगा]] और [[यमुना]], प्रयागराज में मिलती हैं और फिर आगे गंगा के रूप में बहती हैं। [[हिंदी]] राज्य में सबसे व्यापक रूप से बोली जाने वाली भाषा है, और राज्य की आधिकारिक भाषा भी है।
 
उत्तर प्रदेश [[भारत]] का सबसे बड़ा (जनसंख्या के आधार पर) राज्य है। गाजीपुर, मऊ,[[आगरा]], [[अलीगढ]], [[अयोध्या]], [[कानपुर]], [[झाँसी]], [[बरेली]], [[मेरठ]], [[वाराणसी]], [[गोरखपुर]], [[मथुरा]], [[फर्रुखाबाद]], [[मुरादाबाद]], [[आज़मगढ़]], [[बहराइच]], [[देवरिया]], [[गोंडा]] तथा [[श्रावस्ती]] प्रदेश के अन्य महत्त्वपूर्ण शहर हैं। राज्य के उत्तर में [[उत्तराखण्ड]] तथा [[हिमाचल प्रदेश]], पश्चिम में [[हरियाणा]], [[दिल्ली]] तथा [[राजस्थान]], दक्षिण में [[मध्य प्रदेश]] तथा [[छत्तीसगढ़]] और पूर्व में [[बिहार]] तथा [[झारखंड]] राज्य स्थित हैं। इनके अतिरिक्त राज्य की की पूर्वोत्तर दिशा में [[नेपाल]] देश है।
 
9 नवम्बर सन् [[२०००]] में [[भारतीय संसद]] ने उत्तर प्रदेश के उत्तर पश्चिमी (मुख्यतः पहाड़ी) भाग से उत्तरांचल (वर्तमान में [[उत्तराखंड]]) राज्य का निर्माण किया। उत्तर प्रदेश का अधिकतर हिस्सा सघन आबादी वाले [[गंगा]] और [[यमुना]]। विश्व में केवल चार राष्ट्र [[चीन]], स्वयं [[भारत]], [[संयुक्त राज्य अमेरिका]] , [[इंडोनिशिया]] की जनसंख्या उत्तर प्रदेश की जनसंख्या से अधिक है।जबकि ब्राजील की जनसंख्या के लगभग वरावर है।
Line 123 ⟶ 121:
 
=== ब्रिटिश काल ===
[[चित्र:United Provinces 1903.gif|right|thumb|250px| आगरा और अवध संयुक्त प्रांत 1903]]
लगभग 75 वर्ष की अवधि में उत्तर प्रदेश के क्षेत्र का [[ईस्ट इण्डिया कम्पनी]] ([[ब्रिटिश]] व्यापारिक कम्पनी) ने धीरे-धीरे अधिग्रहण किया। विभिन्न उत्तर भारतीय वंशों 1775, 1798 और 1801 में नवाबों, 1803 में सिंधिया और 1816 में गोरखों से छीने गए प्रदेशों को पहले बंगाल प्रेज़िडेन्सी के अन्तर्गत रखा गया, लेकिन 1833 में इन्हें अलग करके पश्चिमोत्तर प्रान्त (आरम्भ में आगरा प्रेज़िडेन्सी कहलाता था) गठित किया गया। 1856 ई. में कम्पनी ने [[अवध]] पर अधिकार कर लिया और आगरा एवं अवध संयुक्त प्रान्त (वर्तमान उत्तर प्रदेश की सीमा के समरूप) के नाम से इसे 1877 ई. में पश्चिमोत्तर प्रान्त में मिला लिया गया। 1902 ई. में इसका नाम बदलकर संयुक्त प्रान्त कर दिया गया।
 
Line 137 ⟶ 136:
<br />
सन 2000 में पूर्वोत्तर उत्तर प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्र स्थित गढ़वाल और कुमाऊँ मण्डल को मिला कर एक नये राज्य [[उत्तरांचल]] का गठन किया गया जिसका नाम बाद में बदल कर 2007 में [[उत्तराखण्ड]] कर दिया गया है।
 
== राज्य का विभाजन ==
उत्तर प्रदेश के गठन के तुरन्त बाद [[उत्तराखण्ड]] क्षेत्र ([[गढ़वाल]] और [[कुमाऊँ]] क्षेत्र द्वारा निर्मित) में समस्याएँ उठ खड़ी हुईं। इस क्षेत्र के लोगों को लगा कि, विशाल जनसंख्या और वृहद भौगोलिक विस्तार के कारण [[लखनऊ]] में बैठी सरकार के लिए उनके हितों की देखरेख करना सम्भव नहीं है। बेरोज़गारी, गरीबी और सामान्य व्यवस्था व पीने के पानी जैसी आधारभूत सुविधाओं की कमी और क्षेत्र के अपेक्षाकृत कम विकास ने लोगों को एक अलग राज्य की माँग करने पर विवश कर दिया। शुरू-शुरू में विरोध कमज़ोर था, लेकिन 1990 के दशक में इसने ज़ोर पकड़ा व आन्दोलन तब और भी उग्र हो गया, जब 2 अक्टूबर 1994 को [[मुज़फ़्फ़रनगर]] में इस आन्दोलन के एक प्रदर्शन में पुलिस द्वारा की गई गोलीबारी में 40 लोग मारे गए। अन्तत: 9 नवम्बर, 2000 में उत्तर प्रदेश के पश्चिमोत्तर हिस्से से [[उत्तरांचल]] के नए राज्य का, जिसमें कुमाऊँ और गढ़वाल के पहाड़ी क्षेत्र शामिल थे, गठन किया गया।
 
== उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित कुछ तथ्य ==
सम्भागों की संख्या- 18
 
जिलों की संख्या- 75
 
तहसीलों की संख्या- 350
 
विश्वविद्यालयों की संख्या- 56
 
विधानमण्डल- द्विसदनात्मक
 
विधान सभा सदस्यों की संख्या- 403+1 (एंग्लोइंडियन) = 404
 
विधान परिषद सदस्यों की संख्या- 99+1 (एंग्लोइंडियन) = 100
 
लोकसभा सदस्यों की संख्या- 80
 
राज्यसभा सदस्यों की संख्या- 31
 
उच्च न्यायालय-प्रयागराज (खण्डपीठ- लखनऊ)
 
भाषा- हिन्दी (उर्दू दूसरी राजभाषा 1989)
 
राजकीय पक्षी- सारस या क्रौँच
 
राजकीय पेड़- अशोक
 
राजकीय पुष्प- पलाश
 
राजकीय चिन्ह- मछली एवं तीर कमान
 
स्थापना दिवस- 24 जनवरी 1950
 
== भूगोल ==
[[File:Indo-Gangetic Plain.jpg|thumb|गंगा के मैदान का एक भाग|200px]]
उत्तर प्रदेश भारत के उत्तर पूर्वी भाग में स्थित है। प्रदेश के उत्तरी एवम पूर्वी भाग की तरफ़ पहाड़ तथा
उत्तर प्रदेश भारत के उत्तर पूर्वी भाग में स्थित है। प्रदेश के उत्तरी एवम पूर्वी भाग की तरफ़ पहाड़ तथा पश्चिमी एवम मध्य भाग में मैदान हैं। उत्तर प्रदेश को मुख्यतः तीन क्षेत्रों में विभाजित किया जा सकता है।
 
# '''उत्तर में हिमालय का ''' - यह् क्षेत्र बहुत ही ऊँचा-नीचा और प्रतिकूल भू-भाग है। यह क्षेत्र अब [[उत्तरांचल]] के अन्तर्गत आता है। इस क्षेत्र की स्थलाकृति बदलाव युक्त है। समुद्र तल से इसकी ऊँचाई ३०० से ५००० मीटर तथा ढलान १५० से ६०० मीटर/किलोमीटर है।
Line 187 ⟶ 150:
 
=== भूगोलीय तत्व ===
 
उत्तर प्रदेश के प्रमुख भूगोलीय तत्व इस प्रकार से हैं-
 
Line 200 ⟶ 162:
दक्षिणी पठार से निकलने वाली नदियाँ हैं [[बेतवा]], [[केन]], चम्बल आदि प्रमुख हैं
 
;[[झील]]
उत्तर प्रदेश में झीलों का अभाव है। यहाँ की अधिकांश झीलें [[कुमाऊँ]] क्षेत्र में हैं जो कि प्रमुखतः भूगर्भीय शक्तियों के द्वारा भूमि के धरातल में परिवर्तन हो जाने के परिणामस्वरूप निर्मित हुई हैं।
 
;[[नहर]]
नहरों के वितरण एवं विस्तार की दृष्टि से उत्तर प्रदेश का अग्रणीय स्थान है। यहाँ की कुल सिंचित भूमि का लगभग 30 प्रतिशत भाग नहरों के द्वारा सिंचित होता है। यहाँ की नहरें भारत की प्राचीनतम नहरों में से एक हैं।
 
;अपवाह
 
यह राज्य उत्तर में हिमालय और दक्षिण में विंध्य पर्वतमाला से उदगमित नदियों के द्वारा भली-भाँति अपवाहित है। गंगा एवं उसकी सहायक नदियों, यमुना नदी, [[रामगंगा नदी]], [[गोमती नदी]], [[घाघरा नदी]] और [[गण्डकी नदी|गंडक नदी]] को [[हिमालय]] के हिम से लगातार पानी मिलता रहता है। विंध्य श्रेणी से निकलने वाली [[चंबल नदी]], [[बेतवा नदी]] और [[केन नदी]] यमुना नदी में मिलने से पहले राज्य के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से में बहती है। विंध्य श्रेणी से ही निकलने वाली सोन नदी राज्य के दक्षिण-पूर्वी भाग में बहती है और राज्य की सीमा से बाहर बिहार में गंगा नदी से मिलती है।
 
;[[मृदा]]
उत्तर प्रदेश के क्षेत्रफल का लगभग दो-तिहाई भाग गंगा तंत्र की धीमी गति से बहने वाली नदियों द्वारा लाई गई जलोढ़ मिट्टी की गहरी परत से ढंका है। अत्यधिक उपजाऊ यह जलोढ़ मिट्टी कहीं रेतीली है, तो कहीं चिकनी दोमट। राज्य के दक्षिणी भाग की मिट्टी सामान्यतया मिश्रित लाल और काली या लाल से लेकर पीली है। राज्य के पश्चिमोत्तर क्षेत्र में मृदा कंकरीली से लेकर उर्वर दोमट तक है, जो महीन रेत और ह्यूमस मिश्रित है, जिसके कारण कुछ क्षेत्रों में घने जंगल हैं।
 
;[[जलवायु]]
उत्तर प्रदेश की जलवायु उष्णकटिबंधीय मानसूनी है। राज्य में औसत तापमान जनवरी में 12.50 से 17.50 से. रहता है, जबकि मई-जून में यह 30.50 से 42.50 से. के बीच रहता है। पूर्व से (1,000 मिमी से 2,000 मिमी) पश्चिम (610 मिमी से 1,000 मिमी) की ओर वर्षा कम होती जाती है। राज्य में लगभग 90 प्रतिशत वर्षा दक्षिण-पश्चिम मानसून के दौरान होती है, जो जून से सितम्बर तक होती है। वर्षा के इन चार महीनों में होने के कारण बाढ़ एक आवर्ती समस्या है, जिससे ख़ासकर राज्य के पूर्वी हिस्से में फ़सल, जनजीवन व सम्पत्ति को भारी नुक़सान पहुँचता है। [[मानसून]] की लगातार विफलता के परिणामस्वरूप सूखा पड़ता है व फ़सल का नुक़सान होता है।
 
;[[वनस्पति]] एवं प्राणी जीवन
राज्य में वन मुख्यत: दक्षिणी उच्चभूमि पर केन्द्रित हैं, जो ज़्यादातर झाड़ीदार हैं। विविध स्थलाकृति एवं जलवायु के कारण इस क्षेत्र का प्राणी जीवन समृद्ध है। इस क्षेत्र में शेर, तेंदुआ, हाथी, जंगली सूअर, घड़ियाल के साथ-साथ कबूतर, फ़ाख्ता, जंगली बत्तख़, तीतर, मोर, कठफोड़वा, नीलकंठ और बटेर पाए जाते हैं। कई प्रजातियाँ, जैसे-गंगा के मैदान से सिंह और तराई क्षेत्र से गैंडे अब विलुप्त हो चुके हैं। वन्य जीवन के संरक्षण के लिए सरकार ने 'चन्द्रप्रभा वन्यजीव अभयारण्य' और 'दुधवा अभयारण्य' सहित कई [[अभयारण्य]] स्थापित किए हैं।
 
==मंडल, जिले और शहर==
{{मुख्य|उत्तर प्रदेश के मंडल|उत्तर प्रदेश के जिले}}
उत्तर प्रदेश इन 18 मंडलों के तहत 75 जिलों में विभाजित है:<ref name=divisions>{{cite web|title=State division of Uttar Pradesh |url=http://india.gov.in/knowindia/districts/andhra1.php?stateid=UP |publisher=Government of India |accessdate=22 July 2012 |deadurl=yes |archiveurl=https://web.archive.org/web/20120510202421/http://india.gov.in/knowindia/districts/andhra1.php?stateid=UP |archivedate=10 May 2012 }}</ref>
{{col-begin}}
{{col-break|width=57%}}
* अलीगढ़ मंडल
* आगरा मंडल
* आजमगढ़ मंडल
* प्रयागराज मंडल
* कानपुर मंडल
* गोरखपुर मंडल
* चित्रकूट मंडल
* झांसी मंडल
* देवीपाटन मंडल
{{col-break|width=57%}}
[[File:Uttar Pradesh administrative divisions-hi.svg|thumb|उत्तर प्रदेश के मंडल|200px]]
* अयोध्या मंडल
* बस्ती मंडल
* बरेली मंडल
* मीरजापुर मंडल
* मुरादाबाद मंडल
* मेरठ मंडल
* लखनऊ मंडल
* वाराणसी मंडल
* सहारनपुर मंडल
{{Col-end}}
 
उत्तर प्रदेश के पमुख शहरों में [[प्रयागराज]] (इलाहाबाद), [[मुरादाबाद]], [[गाजियाबाद]], [[आज़मगढ़]], [[लखनउ]], [[कानपुर]], [[बरेली]], [[आगरा]], [[अलीगढ]], [[अयोध्या]], [[झाँसी]], [[मेरठ]], [[वाराणसी]], [[गोरखपुर]], [[मथुरा]], [[फर्रुखाबाद]], [[बहराइच]], [[देवरिया]], [[गोंडा]] गाजीपुर, मऊ तथा [[श्रावस्ती]] आदि शामिल हैं।
 
== जनसांख्यिकी ==
Line 227 ⟶ 217:
उत्तर प्रदेश भारत की राजकीय भाषा [[हिन्दी]] की जन्मस्थली है, और आबादी के बहुमत (94.08%) द्वारा बोली जाती है। शताब्दियों के दौरान हिन्दी के कई स्थानीय स्वरूप विकसित हुए हैं। साहित्यिक हिन्दी ने 19वीं शताब्दी तक [[खड़ी बोली]] का वर्तमान स्वरूप (हिन्दुस्तानी) धारण नहीं किया था। वाराणसी के [[भारतेन्दु हरिश्चन्द्र]] (1850-1885 ई.) उन अग्रणी लेखकों में से थे, जिन्होंने हिन्दी के इस स्वरूप का इस्तेमाल साहित्यिक माध्यम के तौर पर किया था। इसके अलावा विभिन्न क्षेत्रों की अपनी बोलियाँ भी हैं। इनमें पूर्वी उत्तर प्रदेश के अवध क्षेत्र में बोली जाने वाली [[अवधी]], पूर्वी उत्तर प्रदेश के भोजपुरी क्षेत्र में बोली जाने वाली [[भोजपुरी]] और ब्रज क्षेत्र के पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बोली जाने वाली [[ब्रजभाषा]] शामिल हैं। [[उर्दू]] को दूसरी आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया जाता है।
 
==सरकार और प्रशासन==
{{मुख्य|उत्तर प्रदेश सरकार}}
{{विस्तार}}
== अर्थव्यवस्था ==
{{main|उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था}}
Line 235 ⟶ 228:
 
;कृषि एवं वानिकी
[[File:Birds in agriculture by Dr. Raju Kasambe DSCN8713 (1).jpg|thumb|left|200px|समृद्ध उपजाऊ भारत-गंगा के मैदान में स्थित, कृषि राज्य में सबसे बड़ा रोजगार प्रदाता है।]]
राज्य की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार कृषि है। चावल, गेहूँ, ज्वार, बाजरा, जौ और गन्ना राज्य की मुख्य फ़सलें हैं। 1960 के दशक से गेहूँ व चावल की उच्च पैदावार वाले बीजों के प्रयोग, उर्वरकों की अधिक उपलब्धता और सिंचाई के अधिक इस्तेमाल से उत्तर प्रदेश खाद्यान्न का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य बन गया है। यद्यपि किसान दो प्रमुख समस्याओं से ग्रस्त हैं: आर्थिक रूप से अलाभकारी छोटे खेत और बेहतर उत्पादन के लिए प्रौद्योगिकी में निवेश करने के लिए अपर्याप्त संसाधन, राज्य की अधिकतम कृषि भूमि किसानों को मुश्किल से ही भरण-पोषण कर पाती है। पशुधन व डेयरी उद्योग आय के अतिरिक्त स्रोत हैं। उत्तर प्रदेश में भारत के किसी भी शहर के मुक़ाबले सर्वाधिक पशु पाए जाते हैं। हालाँकि प्रति गाय दूध का उत्पादन कम है।
 
Line 244 ⟶ 238:
 
वैसे तो यहाँ उद्योगों के लिए काफी संभावनायें हैं और कई बड़े उद्योग यहाँ लगे हुए हैं। वैसे उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में पहली आयुर्वेदिक दवा उद्योग की स्थापना न्यू इंडिया फार्मास्युटिकल्स नाम से की गयी है। यह ओधोगिक इकाई करीब सौ से अधिक दवाअों का उत्पादन कर रही है। टेबलेट सिरप के साथ साथ कई अन्य दवाओं का निर्माण यहाँ होता है। हालाँकि अभी यह समूह अपनी पूरी ताकत से विस्तार की और अगसर है और इसे जागरूक लोगों की जरुरत है जो इसके उत्पादन को भारतीय बाज़ार में पहुँचा सके।
 
=== सिंचाई और बिजली ===
14 जनवरी 2000 को 'उत्तर प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड' का पुनर्गठन करके 'उत्तर प्रदेश विद्युत निगम', 'उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन' तथा 'उत्तर प्रदेश पनबिजली निगम' को स्थापित किया गया है। 2004 - 05 में राज्य की सिंचाई क्षमता बढ़ाकर 319.17 लाख हेक्टेयर तक करने के लिए 98,715 करोड़ रुपये का निवेश किया गया था। उत्तर प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड' की स्थापना के समय पन बिजलीघरों और ताप बिजलीघरों की कुल विद्युत उत्पादन क्षमता 2,635 मेगावाट थी, जो आज बढ़कर 4,621 मेगावाट तक हो गई है। उत्तर प्रदेश में बिजली का उत्पादन सोनभद्र जिले से अधिकतम होती है, यहां के बिजली उत्पादन इकाईयों में थर्मल पावर ओबरा, थर्मल पावर अनपरा, एन. टी. पी. सी. बीजपुर, एन.टी.पी.सी शक्तिनगर, रेनुसागर, रिहन्द परियोजना और लैंको पावर प्लांट-प्राइवेट शामिल हैं।
 
== यातायात और परिवहन ==
Line 256 ⟶ 253:
;उड्डयन
प्रदेश में वर्तमान में दो अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे [[अमौसी अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र|चौधरी चरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा]], लखनऊ में और [[लाल बहादुर शास्त्री अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा]], वाराणसी में स्थित है। इअसके अलावा कानपुर, इलाहाबाद, आगरा, [[झाँसी|झांसी]], [[बरेली]], [[ग़ाज़ियाबाद]], [[गोरखपुर]], [[सहारनपुर]] और [[रायबरेली]] शहरों में घरेलु हवाई अड्डे हैं।<ref>{{cite web |title=List of Main Airports in Uttar Pradesh |url=https://www.jagranjosh.com/general-knowledge/list-of-main-airports-in-uttar-pradesh-1539090062-1 |website=jagranjosh |accessdate=5 सितम्बर 2019}}</ref>
 
<!-----------------------------------
कृपया इस विभाग के लिए विश्वसनीय सूत्रों से सन्दर्भ उपलब्ध कराएँ। अन्यथा इस प्रभाग को छुपा रहने दें।
== जातीय एवं भाषाई संघटन ==
राज्य की अधिकांश जनसंख्या आर्य-द्रविड़ जातीय समूह से सम्बद्ध है। यहाँ की जनसंख्या का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा हिन्दू, लगभग 25 प्रतिशत मुसलमान व 5 प्रतिशत अन्य धार्मिक समुदायों, सिक्ख, बौद्ध, ईसाई व जैन मतावलम्बियों का है। हिन्दी (राज्य की राजकीय भाषा) 75 प्रतिशत व उर्दू 25 प्रतिशत लोगों की मातृभाषा है। लोगों द्वारा बोले जाने वाली हिन्दुस्तानी भाषा में दोनों ही भाषाओं के सामान्य शब्द हैं, जिसे राज्य भर में समझा जाता है।------------------------------------->
------------------------------------->
 
== संस्कृति ==
उत्तर प्रदेश हिन्दुओं की प्राचीन सभ्यता का उदगम स्थल है। वैदिक साहित्य मन्त्र, ब्राह्मण, श्रौतसूत्र, गृह्यसूत्र, मनुस्मृति आदि धर्मशास्त्रौं, आदि महाकाव्य-वाल्मीकिरामायण, और [[महाभारत]] (जिसमें श्रीमद् भगवद्गीता शामिल है) अष्टादश पुराणौंके उल्लेखनीय हिस्सों का मूल यहाँ के कई आश्रमों में जीवन्त है। बौद्ध-हिन्दू काल (लगभग 600 ई. पू.-1200 ई.) के ग्रन्थों व वास्तुशिल्प ने भारतीय सांस्कृतिक विरासत में बड़ा योगदान दिया है। 1947 के बाद से भारत सरकार का चिह्न [[मौर्य]] सम्राट [[अशोक]] के द्वारा बनवाए गए चार सिंह युक्त स्तम्भ (वाराणसी के निकट [[सारनाथ]] में स्थित) पर आधारित है। वास्तुशिल्प, चित्रकारी, संगीत, नृत्यकला और दो भाषाएँ (हिन्दी व उर्दू) मुग़ल काल के दौरान यहाँ पर फली-फूली। इस काल के चित्रों में सामान्यतः धार्मिक व ऐतिहासिक ग्रन्थों का चित्रण है। यद्यपि साहित्य व संगीत का उल्लेख प्राचीन संस्कृत ग्रन्थों में किया गया है और माना जाता है कि [[गुप्त काल]] (लगभग 320-540) में संगीत समृद्ध हुआ। संगीत परम्परा का अधिकांश हिस्सा इस काल के दौरान उत्तर प्रदेश में विकसित हुआ। [[तानसेन]] व [[बैजू बावरा]] जैसे संगीतज्ञ मुग़ल शहंशाह [[अकबर]] के दरबार में थे, जो राज्य व समूचे देश में आज भी विख्यात हैं। भारतीय संगीत के दो सर्वाधिक प्रसिद्ध वाद्य [[सितार]] (वीणा परिवार का तंतु वाद्य) और तबले का विकास इसी काल के दौरान इस क्षेत्र में हुआ। 18वीं शताब्दी में उत्तर प्रदेश में [[वृन्दावन]] व [[मथुरा]] के मन्दिरों में भक्तिपूर्ण नृत्य के तौर पर विकसित शास्त्रीय नृत्य शैली कथक उत्तरी भारत की [[शास्त्रीय नृत्य]] शैलियों में सर्वाधिक प्रसिद्ध है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों के स्थानीय गीत व नृत्य भी हैं। सबसे प्रसिद्ध लोकगीत मौसमों पर आधारित हैं।
 
=== साहित्य ===
हिन्दी साहित्य के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश का स्थान सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। साहित्य और भारतीय रक्षा सेवायेँ, दो ऐसे क्षेत्र हैं जिनमें उत्तर प्रदेश निवासी गर्व कर सकते हैं। गोस्वामी तुलसीदास, कबीरदास, सूरदास से लेकर भारतेंदु हरिश्चंद्र, आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी, आचार्य राम चन्द्र शुक्ल, मुँशी प्रेमचंद, जयशंकर प्रसाद, सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला', सुमित्रानन्दन पन्त, मैथलीशरण गुप्त, सोहन लाल द्विवेदी, हरिवंशराय बच्चन, महादेवी वर्मा, राही मासूम रजा, अज्ञेय जैसे इतने महान कवि और लेखक हुए हैं उत्तर प्रदेश में कि पूरा पन्ना ही भर जाये।
उर्दू साहित्य में भी बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान रहा है उत्तर प्रदेश का। फिराक़, जोश मलीहाबादी, अकबर इलाहाबादी, नज़ीर, वसीम बरेलवी, चकबस्त जैसे अनगिनत शायर उत्तर प्रदेश ही नहीं वरन देश की शान रहे हैं। हिंदी साहित्य का क्षेत्र बहुत ही व्यापक रहा है और लुगदी साहित्य भी यहाँ खूब पढ़ा जाता है।
 
=== संगीत ===
संगीत उत्तर प्रदेश के व्यक्ति के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह तीन प्रकार में बांटा जा सकता है
 
१- पारंपरिक संगीत एवं लोक संगीत : यह संगीत और गीत पारंपरिक मौकों शादी विवाह, होली, त्योहारों आदि समय पर गाया जाता है
२- शास्त्रीय संगीत : उत्तर प्रदेश में उत्कृष्ट गायन और वादन की परंपरा रही है।
३- हिंदी फ़िल्मी संगीत एवं भोजपुरी पॉप संगीत : इस प्रकार का संगीत उत्तर प्रदेश में सबसे लोकप्रिय।
 
=== नृत्य ===
कथक उत्तर प्रदेश का एक परिष्कृत शास्त्रीय नृत्य है जो कि हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत के साथ किया जाता है। कथक नाम 'कथा' शब्द से बना है, इस नृत्य में नर्तक किसी कहानी या संवाद को नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत करता है। कथक नृत्य का प्रारम्भ ६-७वीं शताब्दी में उत्तर भारत में हुआ था। प्राचीन समय में यह एक धार्मिक नृत्य हुआ करता था जिसमें नर्तक महाकाव्य गाते थे और अभिनय करते थे। १३वीं शताब्दी तक आते-आते कथक सौन्दर्यपरक हो गया तथा नृत्य में सूक्ष्म अभिनय एवं मुद्राओं पर अधिक ध्यान दिया जाने लगा। कथक में सूक्ष्म मुद्राओं के साथ ठुमरी गायन पर तबले और पखावज के साथ ताल मिलाते हुए नृत्य किया जाता है। कथक नृत्य के प्रमुख कलाकार पन्डित [[बिरजू महाराज]] हैं। फरी नृत्य, जांघिया नृत्य, पंवरिया नृत्य, कहरवा, जोगिरा, निर्गुन, कजरी, सोहर, चइता गायन उत्तर प्रदेश की लोकसंस्कृतियां हैं। [[लोकरंग सांस्कृतिक समिति]] इन संस्कृतियों संवर्द्धन, संरक्षण के लिए कार्यरत है।
 
=== हस्त शिल्प ===
फिरोजाबाद की चूड़ियाँ, सहारनपुर का काष्ठ शिल्प, पिलखुवा की हैण्ड ब्लाक प्रिंट की चादरें, वाराणसी की साड़ियाँ तथा रेशम व ज़री का काम, लखनऊ का कपड़ों पर चिकन की कढ़ाई का काम, रामपुर का पैचवर्क, मुरादाबाद के पीतल के बर्तन औरंगाबाद का टेराकोटा, मेरठ की कैंची आदि प्रशिध्द हैं।
 
=== त्योहार ===
[[File:India - Varanasi sun greet - 0270.jpg|thumb|200px|बनारस में गंगा के घाट में आरती करता पुजारी]]
उत्तर प्रदेश एक ऐसा राज्य है जहाँ समय समय पर सभी धर्मों के त्योहार मनाये जाते हैं-
*[[अयोध्या]]-रामनवमी मेला,राम विवाह,सावन झूला मेला, कार्तिक पूर्णिमा मेला
Line 282 ⟶ 294:
== पर्यटन ==
{{मुख्य|उत्तर प्रदेश में पर्यटन}}
[[File:Kumbh Mela 2013 Sangam, Allahabd.jpg|thumb|200px|संगम, इलाहाबाद में कुंभ मेला 2013।]]
उत्तर प्रदेश में सभी के लिए आकर्षण की कई चीज़ें हैं।
[[चित्र:Shree Ganesh Mandir, jhansi hallway.jpg|thumb|श्री गणेश मंदिर, झाँसी]]
Line 297 ⟶ 310:
 
जिला मुज़फ्फरनगर में शुक्रताल नामक एक जगह है जिसे हिन्दुओ की धर्मस्थल के रूप में देखा जाता है। शुक्रताल में मुख्यतः रविदास आश्रम और सुक देव आश्रम प्रसिद्ध है। गंगा स्नान पर यहाँ एक बड़े मेले का आयोजन प्रति वर्ष होता है।
 
== सिंचाई और बिजली ==
* 14 जनवरी 2000 को 'उत्तर प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड' का पुनर्गठन करके 'उत्तर प्रदेश विद्युत निगम', 'उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन' तथा 'उत्तर प्रदेश पनबिजली निगम' को स्थापित किया गया है।
* 2004 - 05 में राज्य की सिंचाई क्षमता बढ़ाकर 319.17 लाख हेक्टेयर तक करने के लिए 98,715 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है।
* 'उत्तर प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड' की स्थापना के समय पन बिजलीघरों और ताप बिजलीघरों की कुल विद्युत उत्पादन क्षमता 2,635 मेगावाट थी, जो आज बढ़कर 4,621 मेगावाट तक हो गई है।
उत्तर प्रदेश में बिजली का उत्पादन सोनभद्र जिले से अधिकतम होती है जो कि प्रदेश के अत्यंन्त पूर्व में एक पिछड़ा इलाका है जिस पर उत्तर प्रदेश सरकार का ध्यान सबसे अन्तिम में जाता है, ये उप्तपादन इकाईयां निम्न हैः-
1.थर्मल पावर ओबरा
2.थर्मल पावर अनपरा
3.एन. टी. पी. सी. बीजपुर
4.एन.टी.पी.सी शक्तिनगर
5.रेनुसागर
6.रिहन्द परियोजना
7.लैंको पावर प्लांट-प्राइवेट
 
== कला एवं संस्कृति ==
=== साहित्य ===
हिन्दी साहित्य के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश का स्थान सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। साहित्य और भारतीय रक्षा सेवायेँ, दो ऐसे क्षेत्र हैं जिनमें उत्तर प्रदेश निवासी गर्व कर सकते हैं। गोस्वामी तुलसीदास, कबीरदास, सूरदास से लेकर भारतेंदु हरिश्चंद्र, आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी, आचार्य राम चन्द्र शुक्ल, मुँशी प्रेमचंद, जयशंकर प्रसाद, सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला', सुमित्रानन्दन पन्त, मैथलीशरण गुप्त, सोहन लाल द्विवेदी, हरिवंशराय बच्चन, महादेवी वर्मा, राही मासूम रजा, अज्ञेय जैसे इतने महान कवि और लेखक हुए हैं उत्तर प्रदेश में कि पूरा पन्ना ही भर जाये।
उर्दू साहित्य में भी बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान रहा है उत्तर प्रदेश का। फिराक़, जोश मलीहाबादी, अकबर इलाहाबादी, नज़ीर, वसीम बरेलवी, चकबस्त जैसे अनगिनत शायर उत्तर प्रदेश ही नहीं वरन देश की शान रहे हैं। हिंदी साहित्य का क्षेत्र बहुत ही व्यापक रहा है और लुगदी साहित्य भी यहाँ खूब पढ़ा जाता है।
 
=== संगीत ===
संगीत उत्तर प्रदेश के व्यक्ति के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह तीन प्रकार में बांटा जा सकता है
 
१- पारंपरिक संगीत एवं लोक संगीत : यह संगीत और गीत पारंपरिक मौकों शादी विवाह, होली, त्योहारों आदि समय पर गाया जाता है
 
२- शास्त्रीय संगीत : उत्तर प्रदेश में उत्कृष्ट गायन और वादन की परंपरा रही है।
 
३- हिंदी फ़िल्मी संगीत एवं भोजपुरी पॉप संगीत : इस प्रकार का संगीत उत्तर प्रदेश में सबसे लोकप्रिय।
 
== पर्यटन स्थल ==
 
उत्तर प्रदेश में सभी के लिए आकर्षण की कई चीज़ें हैं:
*आगरा जिले में स्थित बटेश्वर , जहां शिव जी के 101 मन्दिर यमुना जी के तट पर स्थित है।
* ताजमहल, आगरा,सीता समाहित स्थल (सीतामढ़ी) मंदिर संत रविदास नगर जिला (भदोही)।
* प्राचीन तीर्थ स्थानों में वाराणसी, अयोध्या, विंध्याचल, चित्रकूट, प्रयाग, सोरों, मथुरा, वृन्दावन, देवा शरीफ आदि है।
* फ़तेहपुर सीकरी में शेख़ सलीम चिश्ती की दरगाह।
* सारनाथ, श्रावस्ती, कुशीनगर, संकिसा / बसंतपुर (ज़िला एटा, उत्तर प्रदेश), कांपिल/ वर्तमान फ़र्रूख़ाबाद, पिपरावा और कौशांबी प्रमुख हैं।
* आगरा, सारनाथ, वाराणसी, लखनऊ, झांसी[http://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/1/1d/Shree_Ganesh_Mandir_%2C_jhansi.jpg ] [http://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/1/1d/Shree_Ganesh_Mandir_%2C_jhansi.jpg ], गोरखपुर, जौनपुर, कन्नौज, महोबा, देवगढ, बिठूर और विंध्याचल हिन्दू एवं मुस्लिम वास्तुशिल्प और संस्कृति के महत्त्वपूर्ण खजाने से भरा हैं।
* उत्तर प्रदेश के गोंडा ज़िले में मत्स्येंद्रनाथ (पाटन) नामक प्रसिद्ध देवीपीठ है।
* संतकबीर नगर जिला के मगहर में संतकबीर की समाधि और सोफी निजामुददीन की मजार अगयां में है। मदरसा तनवीरुइसलाम अमरडोभा भी इसी जिले में है।
* अन्य महतवपूर्ण स्थान जैसे बेल्हा देवी, घुइसरनाथ धाम, चौहरजन देवी, बेल्खार् नाथ धाम इत्यादि।
* दुधवा नेशनल पार्क, लखीमपुर खीरी I
 
=== कथक ===
कथक उत्तर प्रदेश का एक परिष्कृत शास्त्रीय नृत्य है जो कि हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत के साथ किया जाता है। कथक
नाम 'कथा' शब्द से बना है, इस नृत्य में नर्तक किसी कहानी या संवाद को नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत
करता है। कथक नृत्य का प्रारम्भ ६-७ वीं शताब्दी में उत्तर भारत में हुआ था। प्राचीन समय में यह एक
धार्मिक नृत्य हुआ करता था जिसमें नर्तक महाकाव्य गाते थे और अभिनय करते थे। १३ वी शताब्दी तक
आते-आते कथक सौन्दर्यपरक हो गया तथा नृत्य में सूक्ष्म अभिनय एवं मुद्राओं पर अधिक ध्यान दिया
जाने लगा। कथक में सूक्ष्म मुद्राओं के साथ ठुमरी गायन पर तबले और पखावज के साथ ताल मिलाते हुए
नृत्य किया जाता है। कथक नृत्य के प्रमुख कलाकार पन्डित [[बिरजू महाराज]] हैं।
फरी नृत्य, जांघिया नृत्य, पंवरिया नृत्य, कहरवा, जोगिरा, निर्गुन, कजरी, सोहर, चइता गायन उत्तर प्रदेश की लोकसंस्कृतियां हैं। [[लोकरंग सांस्कृतिक समिति]] इन संस्कृतियों संवर्द्धन, संरक्षण के लिए कार्यरत है।
 
=== हस्त शिल्प ===
फिरोजाबाद की चूड़ियाँ, सहारनपुर का काष्ठ शिल्प, पिलखुवा की हैण्ड ब्लाक प्रिंट की चादरें, वाराणसी की साड़ियाँ तथा रेशम व ज़री का काम, लखनऊ का कपड़ों पर चिकन की कढ़ाई का काम, रामपुर का पैचवर्क, मुरादाबाद के पीतल के बर्तन औरंगाबाद का टेराकोटा, मेरठ की कैंची आदि।
 
== जिले ==
उत्तर प्रदेश में 75 जिले हैं -
<table border="0" cellpadding="0" cellspacing="1" style="border-collapse: collapse" bordercolor="#111111" width="80%">
<tr>
<td width="25%" align="left" valign="top">
* [[अंबेडकर नगर]]
* [[आगरा]]
* [[अलीगढ़]]
* [[आजमगढ़]]
* [[प्रयागराज]]
* [[उन्नाव]]
* [[इटावा]]
* [[एटा]]
* [[औरैया]]
* [[कन्नौज]]
* [[कौशाम्बी]]
* [[कुशीनगर]]
* [[कानपुर नगर]]
* [[कानपुर देहात]]
* [[कासगंज]]
* [[गाजीपुर]]
* [[गाजियाबाद]]
* [[गोरखपुर]]
* [[गोंडा]]
 
&nbsp;</td>
<td width="25%" align="left" valign="top">
* [[गौतम बुद्ध नगर]]
* [[चित्रकूट]]
* [[जालौन]]
* [[चन्दौली]]
* [[ज्योतिबा फुले नगर]]
* [[झांसी]]
* [[जौनपुर]]
* [[देवरिया]]
* [[पीलीभीत]]
* [[प्रतापगढ़]]
* [[फतेहपुर]]
* [[फ़र्रूख़ाबाद]]
* [[फिरोजाबाद]]
* [[अयोध्या]]
* [[बलरामपुर]]
* [[बरेली]]
* [[बलिया]]
* [[बस्ती]]
&nbsp;</td>
<td width="25%" align="left" valign="top">
* [[बदायूँ]]
* [[बहराइच]]
* [[बुलन्दशहर]]
* [[बागपत]]
* [[बिजनौर]]
* [[बाराबंकी]]
* [[बांदा]]
* [[मैनपुरी]]
* [[हाथरस]]
* [[मऊ]]
* [[मथुरा]]
* [[महोबा]]
* [[महाराजगंज]]
* [[मिर्जापुर]]
* [[मुज़फ़्फ़र नगर]]
* [[मेरठ]]
* [[मुरादाबाद]]
* [[रामपुर]]
&nbsp;</td>
<td width="25%" align="left" valign="top">
* [[रायबरेली]]
* [[लखनऊ]]
* [[ललितपुर]]
* [[लखीमपुर खीरी]]
* [[वाराणसी]]
* [[सुल्तानपुर]]
* [[शाहजहांपुर]]
 
* [[बस्ती]]
* [[सिद्धार्थ नगर]]
* [[संत कबीर नगर]]
* [[सीतापुर]]
* [[संत रविदास नगर]]
* [[सोनभद्र]]
* [[सहारनपुर]]
* [[हमीरपुर]]
* [[हरदोई]]
* [[अमेठी]]
* [[संभल]]
* [[शामली]]
* [[हापुड़]]
&nbsp;</td>
</tr>
</table>
 
* उत्तर प्रदेश में अब जिलों की संख्या 75 तथा मंडल 18 है।
* भारत में सबसे अधिक जनसंख्या वाला प्रदेश, उत्तर प्रदेश है।
* उत्‍तर प्रदेश से सर्वाधिक लोक सभा व राज्य सभा के सदस्‍य चुने जाते हैं। सीटों की संख्या लोक सभा में 80 और राज्य सभा में 31 है।
* उत्‍तर प्रदेश देश का सबसे अधिक जिलों (75) वाला प्रदेश है।
* उत्‍तर प्रदेश में कुल 404 (403 + 1 nominated ) विधानसभा सीटें हैं।
* उत्‍तर प्रदेश में स्थित [[इलाहाबाद उच्‍च न्‍यायालय]] एशिया का सबसे बड़ा उच्‍च न्‍यायालय है।
* उत्‍तर प्रदेश का सोनभद्र जिला, देश का एक मात्र ऐसा जिला है, जिसकी सीमाएँ 4 प्रदेशों (मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, बिहार ) को छूती हैं।
 
== सन्दर्भ ==