"सर्वनाम": अवतरणों में अंतर

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=== पुरूषवाचक सर्वनाम- ===
पुरुषवाचक सर्वनाम के तीन भेद हैं :
उत्तम पुरुष (प्रथम परुष) (Uttam Purush)
इन सर्वनाम का प्रयोग बात कहने या बोलने वाला अपने लिए करता है ।
उदाहरण : मैं, मुझे, मेरा, मुझको, हम, हमें, हमारा, हमको ।
मध्यम पुरुष (Madhyam Purush)
इन सर्वनाम का प्रयोग बात सुनने वाले के लिए किया जाता है ।
उदाहरण : तू, तुझे, तेरा, तुम, तुम्हे, तुम्हारा ।
आदर सूचक : आप, आपको, आपका, आप लोग, आप लोगों को आदि ।
अन्य पुरुष (Any Purush)
इन सर्वनाम का प्रयोग बोलने वाला अन्य किसी व्यक्ति के लिए करता है ।
उदाहरण :वह, उसने, उसको, उसका, उसे, उसमें, वे, इन्होने, उनको, उनका, उन्हें, उनमे आदि ।
जो सर्वनाम शब्द करता के स्वयं के लिए प्रयुक्त होते हैं उन्हें निजवाचक सर्वनाम कहते हैं ।
जैसे :स्वयं, आप ही, खुद, अपने आप ।
उदाहरण :
उसने अपने आप को बर्बाद कर लिया ।
मैं खुद फोन कर लूँगा ।
तुम स्वयं यह कार्य करो ।
श्वेता आप ही चली गयी ।
नोट: इसके 'आप' का प्रयोग अपने लिए / स्वयं (self) होता है आदर सूचक 'आप' के लिए नहीं ।
जिन सर्वनाम शब्दों से किसी निश्चित व्यक्ति या वस्तु का बोध होता है उसे निश्चयकवाचक सर्वनाम कहते हैं ।
जैसे : यह, वह, ये, वे ।
उदाहरण :
यह मेरी घडी है ।
वह एक लड़का है ।
वे इधर ही आ रहे हैं ।
जिन सर्वनाम शब्दों से किसी निश्चित व्यक्ति या वस्तु का बोध नहीं होता है उसे अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं ।
जैसे : कुछ, किसी ने (किसने), किसी को, किन्ही ने, कोई, किन्ही को ।
उदाहरण :
लस्सी में कुछ पड़ा है ।
भिखारी को कुछ दे दो ।
कौन आ रहा है ।
राम को किसने बुलाया है ।
शायद किसी ने घंटी बजायी है ।
जिस सर्वनाम से वाक्य में किसी दूसरे सर्वनाम से सम्बन्ध ज्ञात होता है उसे सम्बन्धवाचक सर्वनाम कहते हैं ।
जैसे : जो-सो, जहाँ-वहाँ, जैसा-वैसा, जौन-तौन ।
उदाहरण :
जहाँ चाह वहाँ राह ।
जैसा बोओगे वैसा काटोगे ।
वह कौन है जो रो पड़ा ।
जो सो गया वो खो गया ।
जो करेगा सो भरेगा ।
जिन सर्वनाम से वाक्य में प्रश्न का बोध होता है उसे प्रश्नवाचक सर्वनाम कहते हैं ।
जैसे : कौन, कहाँ, क्या, कैसे ।
उदाहरण :
रमेश क्या खा रहा है ।
कमरे मैं कौन बैठा है ।
वे कल कहाँ गए थे ।
आप कैसे हो ।
नोट : कुछ सर्वनाम शब्द ऐसे भी होते हैं जिन्हें संयुक्त सर्वनाम की कोटि में रखा गया हैं ।
जैसे : जो कोई, सब कोई, कुछ और, कोई न कोई ।
उदाहरण :
जो कोई आए उसे रोक लो ।
जाओ, वहाँ कोई न कोई तो मिल ही जायेगा ।
देखो, कुछ और लोग वहाँ हैं ।
कोई-कोई तो बिना बात बहस करता है ।
कौन-कौन आ रहा है ।
किस-किस कमरे में छात्र पढ़ रहे है ।
अपना-अपना बस्ता उठाओ और घर जाओ ।
अब कुछ-कुछ याद आ रहा है ।
वाक्य में संज्ञा अथवा सर्वनाम की विशेषता बताने वाले शब्दों को विशेषण कहते हैं। जैसे - काला कुत्ता। इस वाक्य में 'काला' विशेषण है। जिस शब्द (संज्ञा अथवा सर्वनाम) की विशेषता बतायी जाती है उसे विशेष्य कहते हैं। उपरोक्त वाक्य में 'कुत्ता' विशेष्य है।
जिस विकारी शब्द से संज्ञा की व्याप्ति मर्यादित होती है, उसे भी विशेषण कहते हैं। जैसे- मेहनती विद्यार्थी सफलता पाते हैं। धरमपुर स्वच्छ नगर है। वह पीला है। ऐसा आदमी कहाँ मिलेगा? इन वाक्यों में मेहनती, स्वच्छ, पीला और ऐसा शब्द विशेषण हैं। जो क्रमशः विद्यार्थी, धरमपुर, वह और आदमी की विशेषता बताते हैं। विशेषण शब्द जिसकी विशेषता बताये, उसे विशेष्य कहते हैं, अतः विद्यार्थी, धरमपुर, वह और आदमी शब्द विशेष्य हैं।
जो सर्वनाम वक्ता (बोलनेवाले), श्रोता (सुननेवाले) तथा किसी अन्य व्यक्ति के लिए प्रयुक्त होता है, उसे पुरूषवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे- मैं, तू, वह आदि।
पुरूषवाचक सर्वनाम के तीन भेद हैं-
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इन वाक्यों में वह और वे शब्द अन्य पुरूष हैं।
 
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=== निजवाचक सर्वनाम- ===