"झाँसी": अवतरणों में अंतर
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१४ वी शताब्दि के निकट बुन्देला विन्ध्याचल क्षेत्र से नीचे मैदानी क्षेत्र में आना प्रारम्भ किया और धीरे-धीरे सारे मैदानी क्षेत्र में फ़ैल गए जिसे आज''''''बुन्देलखन्ड''''' के नाम से जाना जाता है। झॉसी किले का निर्माण ओर्छा के राजा '''बीर सिह देव''' द्वारा करवाया गया था। किव्दन्ति है कि ओर्छा के राजा बीर सिह देव नेदूर से पहाड़ी पर छाया देखी जिसे बुन्देली भाषा में "झॉई सी" बोला गया, इसी शब्द् के अप्भ्रन्श् से शहर का नाम पडा।
१७ वी शताब्दि मैं मुगल् कालीन् साम्राज्य के राजाओं के बुन्देला क्षेत्र में लगातार् आक्रमण के कारण् बुन्देला राजा छ्त्रसाल् ने सन् १७३२ में [[मराठा]] साम्राज्य से मदद् मांगी। [[मराठा]] मदद के लिये आगे आये। सन् १७३४ में राजा छ्त्रसाल की मौत के बाद बुन्देला क्षेत्र का एक तिहाई हिस्सा मराठो को दे दिया गया। मराठो ने शहर का विकास किया और इसके लिए ओरछा से लोगो को ला कर बसाया गया।
सन् १८०६ मे मराठा शक्ति कमजोर पडने के बाद ब्रितानी राज और [[मराठा]] के बीच् समझौता हुआ जिसमे मराठो ने ब्रितानी साम्राज्य का प्रभुत्व स्वीकार कर लिया। सन् १८१७ में मराठो ने पूने में बुन्देल्खन्ड् क्षेत्र के सारे अधिकार ब्रितानी ईस्ट् ईडिया कम्पनी को दे दिये। सन् १८५७ में झॉसी के राजा गन्गाधर राव की
== शिक्षा ==
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