"मखाना": अवतरणों में अंतर
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| binomial_authority = [[:en:Richard Anthony Salisbury|सैलिस्बरी.]], १८०५
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[[Image:Euryale ferox 1-OB9.jpg|thumb|Surface-floating leaf of ''Euryale ferox'']]
ईसे भारत कई छेत्र में [[लावा]] भी कहते हैं।[[तालाब]], [[झील]], दलदली क्षेत्र के शांत पानी में उगने वाला '''मखाना''' पोषक तत्वों से भरपुर एक जलीय उत्पाद है। मखाने के बीज को भूनकर इसका उपयोग मिठाई, नमकीन, खीर आदि बनाने में होता है। मखाने में 9.7% आसानी से पचनेवाला प्रोटीन, 76% कार्बोहाईड्रेट, 12.8% नमी, 0.1% वसा, 0.5% खनिज लवण, 0.9% फॉस्फोरस एवं प्रति १०० ग्राम 1.4 मिलीग्राम लौह पदार्थ मौजूद होता है। इसमें औषधीय गुण भी होता है।<ref>[http://darbhanga.bih.nic.in/] दरभंगा जिले में मखाना उद्योग पर जानकारी</ref>
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