"ख़िलाफ़त": अवतरणों में अंतर
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[[चित्र:Mohammad adil-Rashidun empire-slide.gif|right|thumb|400px|इस्लाम की विजय यात्रा]]
[[मुहम्मद साहब]] की मृत्यु के बाद [[इस्लाम]] के प्रमुख को [[खलीफ़ा]] कहते थे। इस विचारधारा को '''खिलाफ़त''' कहा जाता है। इस्लामी मान्यता के अनुसार, ख़लीफ़ा को जनता द्वारा चुना जाता है अर्थात ख़लीफ़ा जनता का प्रतिनिधि व सेवक होता है। प्रथम चार
मुहम्मद साहब के नेतृत्व में अरब बहुत शक्तिशाली हो गए थे। उन्होंने एक बड़े साम्राज्य पर अधिकार कर लिया था जो इससे पहले अरबी इतिहास में शायद ही किसी ने किया हो। खलीफ़ा बनने का अर्थ था - इतने बड़े साम्राज्य का मालिक। अतः इस पद को लेकर विवाद होना स्वाभाविक था।
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