"तंत्रसाहित्य के विशिष्ट आचार्य": अवतरणों में अंतर

छो बॉट: आंशिक वर्तनी सुधार।
No edit summary
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल एप सम्पादन Android app edit
पंक्ति 1:
[[तंत्र साहित्य (भारतीय)|तन्त्र साहित्य]] अत्यन्त विशाल है। प्राचीन समय के [[दुर्वासा]], [[अगस्त्य]], [[विश्वामित्र]], [[परशुराम]], [[बृहस्पति]], [[वशिष्ठ]], [[नंदिकेश्वर]], [[दत्तात्रेय]]महर्षि आदिलोमश ऋषियों ने तन्त्र के अनेकों ग्रन्थों का प्रणयन किया, उनका विवरण देना यहाँ अनावश्यक है।
 
ऐतिहासिक युग में [[आदि शंकराचार्य|शंंकराचार्य]] के परम गुरु [[गौडपादाचार्य]] का नाम उल्लेखयोग्य है। उनके द्वारा रचित 'सुभगोदय स्तुति' एवं 'श्रीविद्यारत्न सूत्र' प्रसिद्ध हैं। [[माध्यमिक तंत्र-साहित्य|मध्ययुग में तांत्रिक साधना एवं साहित्य रचना]] में जितने विद्वानों का प्रवेश हुआ था उनमें से कुछ विशिष्ट आचार्यो का संक्षिप्त विवरण यहाँ दिया जा रहा है-