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छो गाय की उत्पत्ति
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[[भागवत पुराण|भगवत पुराण]] के अनुसार, सागर मंथान ('''[[समुद्र मन्थन|समुद्रमंथन]])''' के दौरान दिव्य '''वैदिक गाय (गौमाता)''' के निर्माण की कहानी को प्रकाश में लाता है। पांच दैवीय '''[[कामधेनु]]''' (वैदिक गाय जो हर इच्छा को पूरा करती है), जैसे नंदा, सुभद्रा, सुरभी, सुशीला, बहुला मंथन में से उभरी है और यहाँ से दिव्य '''अमृत पंचगव्य''' की उत्पत्ति होती है।
[[चित्र:गाय GAIA.jpg|अंगूठाकार|<nowiki>समुद्रमंथन के दौरान इस धरती पर दिव्य गाय की उत्पत्ति |</nowiki>]]
 
कामधेनु या सुरभी (संस्कृत: कामधुक:) ब्रह्मा द्वारा ली गई , दिव्य '''वैदिक गाय (गौमाता)''' ऋषि को दी गई ताकि उसके '''दिव्य अमृत [[पंचगव्य]]''' का उपयोग यज्ञ, आध्यात्मिक अनुष्ठानों और संपूर्ण मानवता के कल्याण के लिए किया जा सके।
 
"https://hi.wikipedia.org/wiki/गाय" से प्राप्त