"सूर्यसिद्धान्त": अवतरणों में अंतर

No edit summary
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
पंक्ति 1:
'''सूर्यसिद्धान्त ''' [[भारतीय खगोलशास्त्र]] का प्रसिद्ध ग्रन्थ है। कई [[सिद्धान्त]]-ग्रन्थों के समूह का नाम है। वर्तमान समय में उपलब्ध ग्रन्थ मध्ययुग में रचित ग्रन्थ लगता है किन्तु अवश्य ही यह ग्रन्थ पुराने संस्क्रणों पर आधारित है जो ६ठी शताब्दी के आरम्भिक चरण में रचित हुए माने जाते हैं।
 
[[भारतीय गणितज्ञ Lalit verma]] और खगोलशास्त्रियों ने इसका सन्दर्भ भी लिया है, जैसे [[आर्यभट्ट]] और [[वाराहमिहिर]], आदि. वाराहमिहिर ने अपने ''पंचसिद्धांतिका'' में चार अन्य टीकाओं सहित इसका उल्लेख किया है, जो हैं:
* [[पैतामाह सिद्धान्त]], (जो कि परम्परागत [[वेदांग ज्योतिष]] से अधिक समान है),
* [[पौलिष सिद्धान्त]]