"बलोच लोग": अवतरणों में अंतर
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[[चित्र:Balochi traditional dress.jpg|thumb|230px|पारम्परिक बलोच पोशाक में [[ओमान]] की एक बलोच लड़की]]
[[चित्र:Baluch women jewelery.jpg|thumb|230px|पारम्परिक बलोच स्त्रियों के ज़ेवर]]
'''बलोच''', '''बलौच''' या '''बलूच''' दक्षिणपश्चिमी [[पाकिस्तान]] के [[बलूचिस्तान (पाकिस्तान)|बलोचिस्तान]]और ख़ेबर पख़्तूनख़वा प्रान्त और [[ईरान]] के [[सिस्तान व बलूचेस्तान]]
सन् २००९ में बलोच लोगों की कुल जनसंख्या ९० लाख पर अनुमानित की गई थी। इसमें से लगभग ६०% पाकिस्तान के बलोचिस्तान प्रान्त में और २५% ईरान के सिस्तान व बलूचेस्तान प्रान्त में रहते हैं। पाकिस्तान के [[सिंध]] और [[पंजाब (पाकिस्तान)|पंजाब]] प्रान्त के दक्षिणी भाग में भी बहुत से बलोच रहते हैं। [[अफ़्ग़ानिस्तान]], [[तुर्कमेनिस्तान]], [[ओमान]], [[बहरीन]], [[कुवैत]] और [[अफ़्रीका]] के कुछ भागों में भी बलोच मिलते हैं। बलोच लोग अधिकतर सुन्नी इस्लाम के अनुयायी होते हैं। ईरान में शियाओं की बहुतायत है, इसलिए वहाँ इनकी एक अलग धार्मिक पहचान है।वे मुख्य रूप से उत्तर-पश्चिमी ईरानी भाषा के बालोची बोलते हैं, जो कि पर्स्फोरे के दक्षिण-पूर्व में उनके स्थान के विपरीत है। बलूचिस्तान की कुल आबादी का लगभग 50% पाकिस्तान के एक पश्चिमी प्रांत बलूचिस्तान में रहता है; [9] 40% बलूच आबादी सिंध में बसी हुई है; और पाकिस्तान में पंजाब में बलूच लोगों की एक महत्वपूर्ण संख्या। वे पाकिस्तान की आबादी का लगभग 3.6%, ईरान का लगभग 2% (1.5 मिलियन) और अफ़गानिस्तान का लगभग 2% हिस्सा बनाते हैं।विस्तृत रूप से बलोचिस्तान दक्षिण एशिया का एक विशाल भूभाग है जो अफ़ग़ानिस्तान ईरान और पाकिस्तान में फैला हुआ है।
शब्द-साधन
'बलूच' शब्द की सही उत्पत्ति स्पष्ट नहीं है। रॉलिंसन (1873) का मानना था कि यह बेबीलोन के राजा और भगवान बेलस(नमरूद) के नाम से लिया गया है।कुछ विद्वानों के अनुसार ये पेग़म्बर यूसुफ़ के वंशज हैं और मध्य एशिया की बनूइस्राईल जाति से आते हैं।अलग अलग समयांतराल में भारतीय उपमहाद्वीप में प्रवेश करने के कारण बलोच और पशतून को दो अलग जातियां माना गया है परंतु पौराणिक संदर्भों में इनका मूल एक ही है।
कुछ लेखकों ने संस्कृत के शब्द बल से एक व्युत्पत्ति का सुझाव दिया है, जिसका अर्थ है ताकत, और ऊच का अर्थ उच्च या शानदार है।
बलूच का प्रारंभिक संस्कृत संदर्भ -डा.भंडारकर के अनुसार भारत में बलूच शब्द का सबसे पहले लिखित प्रमाण गुर्जर-प्रतिहार शासक मिहिरा भोज(836–885) का ग्वालियर शिलालेख हो सकता है, जो कहता है कि राजवंश के संस्थापक नागभट्ट प्रथम ने अफ़ग़ानिस्तान की एक शक्तिशाली सेना को "बलूच विदेशियों" के रूप में अनुवादित किया
== मुख्य क़बीले ==
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