"संस्कृत व्याकरण": अवतरणों में अंतर

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;लकारों के नाम याद रखने की विधि-
 
ल् में प्रत्याहार के क्रम से ( अ इ उ ऋ ए ओ ) जोड़ दें और क्रमानुसार ( ट् ) जोड़ते जाऐं । फिर बाद में ( ङ् ) जोड़ते जाऐं जब तक कि दश लकार पूरे न हो जाएँ । जैसे लट् लिट् लुट् लृट् लेट् लोट् लङ् लिङ् लुङ् लृङ् ॥ इनमें लेट् लकार केवल वेद में प्रयुक्त होता है । लोक के लिए नौ लकार शेष रहे । अब इन नौ लकारों में लङ् के दो भेद होते हैं :-- आशीर्लिङ् और विधिलिङ् । इस प्रकार लोक में दश के दश लकार हो गए ।
 
 
 
२) द्वन्द्व
 
३) कर्मधारय