"शरद पवार": अवतरणों में अंतर

टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल एप सम्पादन Android app edit
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल एप सम्पादन Android app edit
पंक्ति 22:
'''दिल्ली की तीसरी फेरी'''
इ. स. १९९६ लोकसभा चुनाव तक पवारजी विधानपरिषद में विरोधी पक्षनेता थे। इ. स.१९९६ लोकसभा चुनाव उन्होंने बारामती से विजय प्राप्त की और फिर राष्ट्रीय राजनीति में आए। जून इ.स. १९९७ में उन्होंने कॉग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में सीताराम केसरी के खिलाफ चुनाव लड़ा और पराभूत हुए।
१९९८ में लोकसभा चुनाव में उन्होंने चुनाव पूर्व रिपब्लिकन पार्टी और समाजवादी पार्टी के साथ एक सहमति से काम करने का फैसला किया।
'''राष्ट्रवादी'''- इ. स. १९९९ जून मध्ये शरद पवार ने राष्ट्रवादी पक्ष की स्थापना की। १९९९ के विधानसभा चुनाव में किसी भी एक पक्ष को बहुमत नहीं मिला। राष्ट्रवादी पक्ष और कांग्रेस पक्ष आपस में मिले और विलासराव देशमुख राज्य के मुख्यमंत्री बने। २०१४ के लोकसभा चुनाव के बाद पवार का राष्ट्रवादी काँग्रेस पक्ष केन्द्र में मनमोहन सिंग के नेतृत्व में यु.पी.ए सरकार में शामिल हुआ।२२ मई २००४ को शरद पवार ने देश के क्रुषी मंत्री का पद ग्रहण किया।
२९ मई २००९ को उन्होंने क्रुषी, सार्वजनिक वितरण मंत्री की जबाबदारी संभाली। जुलै २०१० को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद का अध्यक्ष पद स्वीकारने के बाद पक्ष कार्य को अधिक समय देने की इच्छा मनमोहन सिंग को व्यक्त करते हुए अपना कार्यभार कम करवाया।