"अल्लाह": अवतरणों में अंतर
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==क़ुरान में अल्लाह का शब्द और विचार==
कुरान की शुरूआत
क़ुरान का पहला अध्याय [[सूरा फ़ातिहा]] यह प्रकट कर्ता है "अल-हम्दु लिल्लाहि रब्बिल आलमीन, अर-रह्मा निर्रहीम"। अर्थात सारी प्रशंशा उस अल्लाह (ईश्वर) के लिये हैं, जो सारे जगतों का रब (पालने वाला) है, और वह अमित दयावान और कृपाशील है।
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