"क़ुरआन की आलोचना": अवतरणों में अंतर

हटाने हेतु चर्चा के लिये नामांकन; देखें चर्चा पृष्ठ। (ट्विंकल)
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
पंक्ति 11:
* जिन लोगों ने हमारी <nowiki>''आयतों'' का इन्कार किया, उन्हें हम जल्द अग्नि में झोंक देंगे। जब उनकी खालें पक जाएंगी तो हम उन्हें दूसरी खालों से बदल देंगे ताकि वे यातना का रसास्वादन कर लें। निःसन्देह अल्लाह प्रभुत्वशाली तत्वदर्शी हैं''</nowiki> (4.46)
* <nowiki>''अल्लाह 'काफिर' लोगों को मार्ग नहीं दिखाता''</nowiki> (१०.९.३७ पृ. ३७४)
* <nowiki>''फिटकारे हुए, (मुनाफिक) जहां कही पाए जाऐंगे पकड़े जाएंगे और बुरी तरह कत्ल किए जाएंगे।''</nowiki> (33.61)
* 'हे नबी! 'काफिरों' और 'मुनाफिकों' के साथ जिहाद करो, और उन पर सखती करो और उनका ठिकाना 'जहन्नम' है, और बुरी जगह है जहाँ पहुँचे<nowiki>''</nowiki> (66.9)
* <nowiki>''</nowiki>उन (काफिरों) से लड़ों! अल्लाह तुम्हारे हाथों उन्हें यातना देगा, और उन्हें रुसवा करेगा और उनके मुकाबले में तुम्हारी सहायता करेगा, और 'ईमान' वालों लोगों के दिल ठंडे करेगा<nowiki>''</nowiki> (9.14)
 
==कुरान में अवैज्ञानिकता==