"भारत की पर्वतीय रेल": अवतरणों में अंतर
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६० के दशक में चलने वाले स्टीम इंजन ने इस स्टेशन की धरोहर को बरकरार रखा है और यह आज भी शिमला और कैथलीघाट के बीच चल रहा है। इसके बाद देश की हैरिटेज टीम ने इस सेक्शन को वल्र्ड हैरीटेज बनाने के लिए अपना दावा पेश किया था।
[[https://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/thumb/d/d8/KSR_Train_on_a_big_bridge_05-02-12_71.jpeg/390px-KSR_Train_on_a_big_bridge_05-02-12_71.jpeg:|thumb|right|200px|]]
इस सेक्शन पर १०३ सुरंगों की के कारण शिमला में आखिरी सुरंग को १०३ नंबर सुरंग का नाम दिया गया है। इसी कारण से ठीक ऊपर बने बस स्टॉप को भी अंग्रेजों के जमाने से ही १०३ स्टेशन के नाम से जाना जाने लगा, जबकि इसका नाम १०२ स्टॉप होना चाहिए।
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