"पराश्रव्य": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:CRL Crown rump length 12 weeks ecografia Dr. Wolfgang Moroder.jpg|right|thumb|300px|१२ सप्ताह के गर्भस्थ शिशु का पराश्रव्य द्वारा लिया गया फोटो]]
'''पराश्रव्य''' (ultrasound) शब्द उन [[तरंग|ध्वनि तरंगों]] के लिए उपयोग में लाया जाता है जिसकी [[आवृत्ति]] इतनी अधिक होती है कि वह [[मनुष्य]] के कानों को सुनाई नहीं देती। साधारणतया मानव श्रवणशक्ति का परास २० से लेकर २०,००० कंपन प्रति सेकंड तक होता है। इसलिए २०,००० से अधिक आवृत्तिवाली ध्वनि को पराश्रव्य कहते हैं। क्योंकि मोटे तौर पर ध्वनि का वेग [[गैस]] में ३३० मीटर प्रति सें., द्रव में १,२०० मी. प्रति सें. तथा ठोस में ४,००० मी. प्रति से. होता है, अतएव पराश्रव्य ध्वनि का [[तरंगदैर्घ्य]] साधारणतया १० - ४ सेंमी. होता है। इसकी सूक्ष्मता [[प्रकाश]] के तरंगदैर्घ्य के तुल्य है। अपनी सूक्ष्मता के ही कारण ये तरंगें उद्योग-धंधों तथा अन्वेषण कार्यों में अति उपयुक्त सिद्ध हुई हैं और आजकल इनका महत्व अत्यधिक बढ़ गया है।
 
 
नीचे के चित्र में अपश्रव्य (infrasound), श्रव्य (audible) और पराश्रव्य (ultrasound) तरंगें और उनकी आवृत्ति का परास (रेंज) दिखाया गया है :
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[[चित्र:Bandelin-sonorex hg.jpg|अंगूठाकार|सफाई के लिए अल्ट्रासोनिक उपकरण]]
इसकी निम्नलिखित विधियाँ हैं :
 
 
 
=== यांत्रिक जनित्र ===