"तोता": अवतरणों में अंतर

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यद्यपि तोता अत्यधिक लोकप्रिय पक्षी है, परंतु यह प्रसिद्धि है कि तोता आपने पालने वाले के प्रति भी बेवफा होता है। कहा जाता है कि तोता चाहे कितने दिनों का पालतू क्यों न हो, पर जब एक बार पिंजरे के बाहर निकल जाता है, तब वह फिर अपने पिंजरे या मालिक की तरफ देखता तक नहीं। इसी आधार पर यह मुहावरा बना है 'तोते की तरह आँखें फेरना या बदलना' अर्थात् बहुत बेमुरौवत होना। हालाँकि स्वाभाविक रूप से यह तोते की अत्यधिक स्वतंत्रताप्रियता का प्रमाण ही है। पूर्वोक्त अर्थ में ही 'तोता-चश्म' पद भी प्रचलित है, अर्थात् जिसकी आँखों में तोते की तरह लिहाज या संकोच का पूर्ण अभाव हो; बेवफा, बेमुरौवत।<ref>मानक हिन्दी कोश, दूसरा खण्ड, संपादक- [[रामचन्द्र वर्मा]], [[हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग]], तृतीय संस्करण-2007, पृष्ठ-581.</ref>
 
== प्रचलित नामान्तर 'सुग्गासुआ' एवं 'पोपट' ==
वैसे तो शब्दकोशों में तोते के अनेक पर्यायवाची शब्द मिलते हैं, परंतु 'तोता' शब्द के अतिरिक्त हिन्दी भाषी क्षेत्र में सर्वाधिक प्रचलित एक ही शब्द है 'सुग्गा' जो संस्कृत के मूल शब्द 'शुक' का तद्भव रूप है। [[संस्कृत साहित्य]] से लेकर [[पालि]], [[प्राकृत]], [[अपभ्रंश]] एवं आधुनिक हिन्दी तक में तोते के लिए 'शुक' के अतिरिक्त या तो 'कीर' शब्द का प्रयोग हुआ है या फिर 'शुक' के तद्भव रूप 'सुआ' एवं 'सुग्गा' का।
 
"https://hi.wikipedia.org/wiki/तोता" से प्राप्त