"बघेलखंड": अवतरणों में अंतर

टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
पंक्ति 31:
।बघेल खण्ड के पर्रयाटन (1)बाँनधव गढ़ रााष्टीय उद्यान-शहडोल (2)व्हाईट टााईगर सफारी-रीवा (3)केवटी जल प्रापात्-रीवा (4) परसिली रिजार्टस्-(रामपुर नैकिन)सीधी(5)वाणसागर बाँध-शहडोल(6)संजय राष्टीय उद्यान-सीधी (7)वीरवल जन्म स्थली-सीधी (8)सोन घड़ियाल अभयारण्य (रामपुर नैकिन)सीधी जैसे क्षेत्र हैं।
 
अगर धार्मिक स्थलों की बात करें तो वघेल खण्ड में पहला स्थान माँ शारदा देवी धाम मैहर का आता है,जो सतना जिले में स्थित है।इसकेहै।दूसरा नाम चित्रकूट धाम है जो वघेल खण्ड व वुंदेल खण्ड मे स्थित है। इसके अलावा वसामन मामा धाम भी बहुत प्रसिद्ध है जो रीवा जिले में है।अगर सीधी की ओर ध्यान ले जाँए तो चंद्ररेह(रमपुररामपुर नैकिन)सोन नदी के तट पर स्थित शिव मंदिर अपने आप में अनूठी जगह है, मंदिर की कलाकृतियाँ दक्षिण भारत के मंदिरों से मिलती हैं। इसके अलावा शहडोल में अमरकंटक नाम की जगह है जहाँ से सोन और नर्मदा नदी का उद्गम होता है,यहाँ अनेकों देवी देवताओं के प्राचीन मंदिर हैं जिसमे शिव मंदिर प्रमुख है। और भी बहुत नाम हैं जैसे-बढ़ौरा नाथ शिव मंदिर-सीधी, चिरहुला नाथ हनुमान मंदिर -रीवा, विंध्यवासनी
मिरजापुर।
 
वघेल खण्ड कयी मुख्य मार्गो से जुड़ा है जिसमें (1)-वनारस-कन्याकुमारी नेशनल हाइवे नम्बर-7 (N.H.7),
(2)-झाँसी -रांची मार्ग, नैशनल हाइवे क्रमांक 39(N.H.39) मुख्य हैं।
यदि रेल की बात करें तो वघेल खण्ड में रेल का अच्छा नेटवर्क है। सतना जंक्शन, रीवा, शहडोल, तथा सिंगरौली वघेल खण्ड के मुख्य रेलवे स्टेशन हैं।वघेल खण्ड मे एक और नई रेल परियोजना मे तेजी से काम चल रहा है, इस परियोजना के पूरा हो जाने पर वघेल खण्ड एक और नई रेल लाईन जबलपुर -हावड़ा रेल मार्ग से जुड़ जाए गा। इस परियोजना के पूर्ण हो जाने से वघेल खण्ड के सीधी, चुरहट, रामपुर नैकिन, गोविंद गढ़ जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र रेल से जुड़ जाएँ गे।
 
[[श्रेणी:मध्य प्रदेश के क्षेत्र]]