"बघेलखंड": अवतरणों में अंतर

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(2)-झाँसी -रांची मार्ग, नैशनल हाइवे क्रमांक 39(N.H.39) मुख्य हैं।
 
यदि रेल की बात करें तो वघेल खण्ड में रेल का अच्छा नेटवर्क है। सतना जंक्शन, रीवा, शहडोल, तथा सिंगरौली वघेल खण्ड के मुख्य रेलवे स्टेशन हैं।वघेल खण्ड मे एक और नई रेल परियोजना मे तेजी से काम चल रहा है, इस परियोजना के पूरा हो जाने पर वघेल खण्ड एक और नई रेल लाईन जबलपुर -हावड़ा रेल मार्ग से जुड़ जाए गा। इस परियोजना के पूर्ण हो जाने से वघेल खण्ड के सीधी, चुरहट, रामपुर नैकिन, गोविंद गढ़ जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र रेल से जुड़ जाएँ गे।
 
वघेलखण्ड से मुख्य दो बड़ी नदियों का उद्गम हुआ है नर्मदा व सोन नदी, जो शहडोल मे स्थित अमरकंटक की पहाड़ियों से निकलती हैं, तत्पश्चात नर्मदा नदी पश्चिम की ओर तथा सोन नदी पूर्व की ओर जाती हैं। नर्मदा नदी वघेल खण्ड से निकल कर मध्य प्रदेश को दो भागो में बाँटते हुए गुजरात राज्य की सैर करते हुए खम्भात की खाडी़ (अरब सागर)मे मिल जाती है। नर्मदा नदी को मध्य प्रदेश की जीवन रेखा कहा जाता है। नर्मदा नदी में कयी बाँध बनाए गए हैं। विश्व प्रसिद्घ धुआँ धार झरना नर्मदा नदी मे ही स्थित है।
सोन नदी की बात करें तो इए अमरकंटक से निकल कर वघेलखण्ड के शहडोल,सतना,तथा सीधी जिले को सींचते व नैसर्गिक सुन्दरता प्रदान करते हुए उत्तर प्रदेश राज्य मे जाती है, तत्पश्चात बिहार में गंगा नदी में मिल जाती है। वाण सागर बाँध, व गुलाब सागर बाँध सोन नदी मे ही स्थित हैं।
इनके अलावा वनास,टमस,विछिया व समधिन जैसी नदियाँ वघेल खण्ड में अनवरत प्रवाहित होती हैं।
 
 
[[श्रेणी:मध्य प्रदेश के क्षेत्र]]