"हिन्दू पौराणिक कथाएँ": अवतरणों में अंतर
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पत्नी ने अपने सृजनकर्ता के साथ इस संबंध को व्यभिचार माना और उनके प्रेमपाश् से बचने के लिये विभिन्न जीव-जन्तुओं का रूप धारण किए पति ने भी उन्हीं रूपों को <br />
धारण्करके पत्नी का अनुकरण किया और इन्हीं संयोगो से विभिन्न प्रजातियों का जन्म हुआ। पुराणों में
ब्रह्माण्ड का सर्जनब्रमाण्ड ने किया, विष्णु इसके संरक्षक हैं तथा महादेव शिव् अगले सृजन के लिए इसका विनाश् करतें हे। कुछ किंवदंतियों में ब्रमाण्ड के सृजनकर्ता विष्णु माने गए हैं जिनकी नाभि से उत्पन्न कमल पर ब्रमाण्ड आसीन हैं।
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