"मुस्लिम राष्ट्रीय मंच": अवतरणों में अंतर

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== विचारधारा ==
इस संगठन की विचार धारा हिंसा के विरोध में है यह गाँधी के विचारों से प्रेरित हैं। ये [[राम]], [[कृष्ण]] इत्यादि इष्टों को अपना पूर्वज मानते हैं तथा मांसाहार न खाने की भी सलाह देते हैं। इनके अनुसार [[इस्लाम]] शांति का मजहव है जो किसी भी तरह के खून खराबे को बढावा नही देता। इसलिए ये जानवरों की बलि देने की कुप्रथा के खिलाफ हैं।<ref>https://www.amarujala.com/amp/lucknow/muslim-rashtriya-manch-opposed-the-killings-of-animals-on-bakreed</ref> इस संगठन का नारा है ''' हिन्दू मुस्लिम सिक्ख ईसाई ये आपस में भाई भाई ''' तथा यह संगठन धर्मनिरपेक्ष भारत का समर्थन करता है। इस संगठन की विचार धारा "देश पहले मजहव बाद में" है<ref>https://khabar.ndtv.com/topic/%E0%A4%AE%E0%A5%81%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%B2%E0%A4%BF%E0%A4%AE-%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%B7%E0%A5%8D%E0%A4%9F%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%80%E0%A4%AF-%E0%A4%AE%E0%A4%82%E0%A4%9A</ref>
भारत में हिन्दू और मुस्लिम समुदायों को एक साथ मिलाने के उद्देश्य से मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की स्थापना की गई थी। इसके सदस्यों एवं पदाधिकारियों का मानना है कि इस के द्वारा मुस्लिमों को आरएसएस और इसके सहयोगी संगठनों के करीब लेकर आ सकते हैं और यह कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस मुस्लिम समुदाय के भीतर नेतृत्व की कमी के लिए जिम्मेदार है। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने कई मुद्दों पर आरएसएस का समर्थन किया है, जिसमें गाय-वध करने पर प्रतिबंध सम्मिलित है। इसके राष्ट्रीय संयोजक मोहम्मद अफजल का कहना है कि गोधरा ट्रेन जलाने और 2002 के गुजरात दंगों के बाद के दिनों में संगठन ने गंभीर प्रतिरोध का सामना किया था ।<ref name="Hindu March 2014">{{cite news|last1=Dahat|first1=Pavan|title=Follow your conscience: RSS to appeal to Muslims|url=http://www.thehindu.com/news/national/follow-your-conscience-rss-to-appeal-to-muslims/article5743803.ece|accessdate=5 October 2014|work=The Hindu|date=3 March 2014}}</ref>
 
==प्रमुख कार्य ==
नवंबर २००९ में भारत के सबसे बड़े इस्लामिक संगठनों में से एक जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने वंदे मातरम् को एक गैर इस्लामिक गीत के रूप में वर्णित एक संकल्पफतवा पारित किया था । मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने इसउलेमा संकल्पके फतवे का विरोध किया था । इसके राष्ट्रीय संयोजक मोहम्मद अफजल ने कहा, "हमारे मुस्लिम भाइयों को उलेमा के फतवे का पालन नहीं करना चाहिए क्योंकि वंदे मातरम देश का राष्ट्रीय गीत है और हर भारतीय नागरिक का सम्मान करना चाहिए।" मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने आगे कहा कि मुसलमान जिन्होंने गाने से मना कर दिया , वे इस्लाम और भारत दोनों के विरोधी थे। अगस्त २००८ में, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने अमरनाथ तीर्थ यात्रा के लिए भूमि आवंटन के समर्थन में दिल्ली से कश्मीर में लाल किले से एक पैग़ाम -ए-अमन (शांति का संदेश का संदेश) का आयोजन किया। झारखंड शाही-इमाम मौलाना हिजब रहमान मेरठी के नेतृत्व में, यात्रा के 50 कार्यकर्ताओं को शुरू में जम्मू-कश्मीर की सीमा पर रोक दिया गया था। उन्हें बाद में जम्मू जाने की अनुमति दी गई, जहां उन्होंने श्री अमरनाथ संघर्ष समिति के साथ बैठकें कीं।<ref>{{cite web|title=Welcome to MRM|url=http://www.muslimrashtriyamanch.org/campaigns.html|accessdate=5 October 2014}}</ref><ref>{{cite news |title=Curfew lifted in Poonch, Kathua, relaxed in 4 districts |newspaper=Outlook |date=10 August 2008 |url=http://www.outlookindia.com/news/article/Curfew-lifted-in-Poonch--Kathua--relaxed-in-4-districts/597738 |accessdate=2014-10-05}}</ref><ref name=anti-terror>{{cite news |title=Pro-RSS Muslims take anti-terror vow |url=http://www.hindustantimes.com/india-news/newdelhi/pro-rss-muslims-take-anti-terror-vow/article1-478267.aspx |newspaper=Hindustan Times |date=19 November 2009 |accessdate=2014-10-05}}</ref> नवंबर २००९ में, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने आतंकवाद के विरोध में एक तिरंगा यात्रा (राष्ट्रीय ध्वज के सम्मान में मार्च) का आयोजन किया, जो मुंबई में गेटवे ऑफ इंडिया की ओर अग्रसर हुई । एक हजार स्वयंसेवकों ने आतंक के विरुद्ध शपथ ली और अपने गृह जिलों में इसके खिलाफ अभियान की कसम खाई। सितंबर २०१२ में, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 को रद्द करने के लिए एक हस्ताक्षर अभियान का आयोजन किया, जो जम्मू-कश्मीर राज्य को सीमित स्वायत्तता देता है, और दावा किया कि उन्होंने 700,000 हस्ताक्षर एकत्र किए हैं। <ref>{{cite news |title=7 lakh Muslims have signed up for revoking Art 370: RSS outfit |url=http://archive.indianexpress.com/news/7-lakh-muslims-have-signed-up-for-revoking-art-370-rss-outfit/1051675/ |newspaper=Indian Express |date=29 December 2012 |accessdate=2014-10-05}}</ref>
 
2014 के आम चुनाव में , मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के प्रचार के लिए अभियान चलाया। अफजल ने कहा कि चुनाव होने से पहले मुस्लिम राष्ट्रीय मंच 50 मिलियन मुसलमानों तक पहुंचने का प्रयास करेगा। गुजरात दंगों में मोदी की भागीदारी के बारे में पूछे जाने पर अफजल ने कहा:
 
" "यदि मोदी दंगों में शामिल थे, तो उनकी पुलिस ने 1200 गोल नहीं छोड़े होते और न ही 200 दंगाइयों को मार दिया होता । हर अदालत ने उन्हें बरी कर दिया है और पिछले 12 सालों में गुजरात में सांप्रदायिक हिंसा की कोई घटना नहीं है।"{{cquote|"Had Mr. Modi been involved in the riots, his police would not have fired 1,200 rounds and killed over 200 rioters. Every court has acquitted him. And there is not a single incident of communal violence in Gujarat in the past 12 years.”<ref name="Hindu March 2014"/>}}