"उच्चावच": अवतरणों में अंतर

Rijwan
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2- द्वितीय श्रेणी के उच्चावच:- पर्वत, पठार, मैदान तथा झील आदि द्वितीय श्रेणी के उच्चावच हैं।
 
3- तृतीय श्रेणी उच्चावच:- सरिता,खाङी, डेल्टा, सागरीय जल, भूमिगत जल, पवन, हिमनद आदि के कारण उत्पन्न स्थलाकृतियों को तृतीय श्रेणी उच्चावच कहते हैं।
 
भू- आकृति विज्ञान के विषयक्षेत्र के अन्तर्गत उपर्युक्त तीन प्रकार के स्थलरूपों को शामिल किया जाता है।