"रायगढ़": अवतरणों में अंतर

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'''किले पर देखने जैसे स्थान'''
१. पाचाड का जिजाबाईंका बाडा :बुढ़ापे में जिजाबाई को किले की ठंडी हवा, वातावरण की परेशानी होने लगी इसलिए महाराजने उनके लिए पाचाड के पास एक बाडा बनाया। वो ये मासाहेबा का बाडा। बाडेकी व्यवस्था रखने के लिए कुछ अधिकारी और कर्मचारियों की व्यवस्था भी महाराज ने की। सीढ़ियों का एक सुंदर कुआँ व जिजाबाई को बैठने के लिए पत्थर का आसन हऐआहे.की इसेव्यवस्था की गई है।‘तक्क्याची विहीर’
 
२. खुबलढा बुरूज : किले पर चढाई करते समय एक बुरुज की जगह दिखाई देती है। वो ही ये सुप्रसिद्ध खुबलढा बुरूज.बुरूज। बुरुज के पास ही एक दरवाजा था, उसे ‘चित्‌ दरवाजा’ कहते हैं। यह दरवाजा अब पूर्णरूप से उध्वस्त हुआ है।
 
३. नाना दरवाजा :इस दरवाजे को ‘नाणे दरवाजा’ एेसा कहा जाता है। नाना दरवाजा इसका अर्थ छोटा दरवाजा। इ.स. १६७४ मई महिने में राज्याभिषेक के समय अंग्रेज वकील हेन्‍री ऑक्झेंडन इसी दरवाजे से आया था। इस दरवाजे को दो कमान है। दरवाजे के भीतरी बाजू में पहरेदार के लिए दो छोटे कमरे है। उसे देवडा कहते है।