"रायगढ़": अवतरणों में अंतर
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५. महादरवाजा : महादरवाजे के बाहर की दोनों बाजू दो सुंदर कमलकृती है।दरवाजे पर रखे इन दो कमलो का अर्थं किले के अंदर ‘श्री और सरस्वती’ रह रही है।‘श्री आणि सरस्वती’ मतलब ‘विद्या व लक्ष्मी’ हे महादरवाजे को भव्य बुरूज है।एक ७५ फूट तो दूसरा ६५ फूट उंचा है।. तटबंदीमें जो उतरते छेद रखे होते है उसे ‘जंग्या’ कहते हैं। शत्रु पर हमला करने के लिए यह छेद रखे होते हैं।बुरुज में दरवाजा यह वायव्य दिशा की ओर तोंड खडा है। महादरवाजा से अंदर आने पर पहरेदार की देवडे दिखती है। साथ ही संरक्षण के लिए बनाए गए कमरे भी दिखाई देते है। महादरवाजा से दाईं ओर टकमक सिरेतक तो बाँई ओर हिरकणी सिरेतक तटबंदी बनाई गई है।
६. चोरदिंडी : महादरवाजे से दाँए ओर टकमक सिरेतक जो तटबंदी जाती है उस पर से चल कर जाने पर जहाँ ये समाप्त होती है उस के पास बुरूज में यह चोरदिंडी बांधी है।
हत्ती तलाव : महादरवाजा से थोडा आगे आनेपर जो तलाब दिखता है वह हत्ती तलाव है। गजशाला से आने वाले हाती के स्नान के लिए और पिने के लिए इस तलाब का उपयोग होता था।
८. गंगासागर तलाव : हत्तीतलावापासून जवळच रायगड जिल्हा परिषदेचा धर्मशाळेचा इमारती दिसतात. धर्मशाळेपासून दक्षिणेकडे अंदाजे ५० -६० पावले चालत गेल्यास जो तलाव लागतो तो गंगासागर तलाव. महाराजांचा राज्याभिषेकानंतर सप्तसागर व महानांची आणलेली तीर्थे याच तलावात टाकली गेली. म्हणूनच याचे गंगीसागर असे नाव पडले. शिवाजी महाराजांचा काळात शिबंदीसाठी याचे पाणी वापरण्यात येई.
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