"हर्यक वंश": अवतरणों में अंतर

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==आम्रपाली==
यह वैशाली की नर्तकी एवं परम रूपवती काम कला प्रवीण वेश्यागणिका थी। वो बुद्ध की परम उपासक थी । [[आम्रपाली (नृत्यांगना)|आम्रपाली]] के सौन्दर्य पर मोहित होकर बिम्बिसार ने लिच्छवि से जीतकर राजगृह में ले आया। उसकेउनसे विवाह किया । दोनों के संयोग से जीवक नामक पुत्ररत्‍न. हुआ। बिम्बिसार ने जीवक को तक्षशिला में शिक्षा हेतु भेजा। यही जीवक एक प्रख्यात चिकित्सक एवं राजवैद्य बना। जिन्होंने आगे चलकर भगवान बु्द्ध की सेवा की थी ।
 
==अजातशत्रु==
अजातशत्रु (४९२-४६० ई. पू.)- बिम्बिसार के बाद अजातशत्रु मगध के सिंहासन पर बैठा। इसके बचपन का नाम कुणिक था। वहभगवान बुद्ध के विरोधी देवदत्त के उकसाने पर इन्होने अपने पिता की हत्या कर गद्दी पर बैठा। अजातशत्रु ने अपने पिता के साम्राज्य विस्तार की नीति को चरमोत्कर्ष तक पहुँचाया।
 
==शासन==