"छंद": अवतरणों में अंतर

टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
पंक्ति 643:
* '''[[भारतीय छन्दशास्त्र]]'''
* [[वैदिक छंद]]
* [[शिव तांडव स्तोत्र]] (पञ्चचामर छंद)
 
In short
 
छंद किसे कहते हैं :
छंद शब्द ‘ चद ‘ धातु से बना है जिसका अर्थ होता है – खुश करना। हिंदी साहित्य के अनुसार अक्षर , अक्षरों की संख्या , मात्रा , गणना , यति , गति से संबंधित किसी विषय पर रचना को छंद कहा जाता है। अथार्त निश्चित चरण , लय , गति , वर्ण , मात्रा , यति , तुक , गण से नियोजित पद्य रचना को छंद कहते हैं। अंग्रेजी में छंद को Meta ओर कभी -कभी Verse भी कहते हैं।
 
छंद के अंग :-
1. चरण और पाद
2. वर्ण और मात्रा
 
1. चरण या पाद :- एक छंद में चार चरण होते हैं। चरण छंद का चौथा हिस्सा होता है। चरण को पाद भी कहा जाता है। हर पाद में वर्णों या मात्राओं की संख्या निश्चित होती है।
 
चरण के प्रकार :-
1. समचरण
2. विषमचरण
 
1. समचरण :- दूसरे और चौथे चरण को समचरण कहते हैं।
 
2. विषमचरण :- पहले और तीसरे चरण को विषमचरण कहा जाता है।
 
2. वर्ण और मात्रा :- छंद के चरणों को वर्णों की गणना के अनुसार व्यवस्थित किया जाता है। छंद में जो अक्षर प्रयोग होते हैं उन्हें वर्ण कहते हैं।
 
मात्रा की दृष्टि से वर्ण के प्रकार :-
1. लघु या ह्रस्व
2. गुरु या दीर्घ
 
1. लघु या ह्रस्व :- जिन्हें बोलने में कम समय लगता है उसे लघु या ह्रस्व वर्ण कहते हैं। इसका चिन्ह (1) होता है।
 
2. गुरु या दीर्घ :- जिन्हें बोलने में लघु वर्ण से ज्यादा समय लगता है उन्हें गुरु या दीर्घ वर्ण कहते हैं। इसका चिन्ह (:) होता है।
 
छंद के अंग :-
1. मात्रा
2. यति
3. गति
4. तुक
5. गण
 
Ankit Gurjar
 
==सन्दर्भ==
"https://hi.wikipedia.org/wiki/छंद" से प्राप्त