"रायगढ़": अवतरणों में अंतर

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पुणे से रायगड तक जाने के लिए सीधी बससेवा है। ये बस पुणे से भोरमार्ग वरंधा घाटी से महाडमार्ग पाचाड गाव से रायगड का रोप वे की सुरवाती जगह से पाचाड खिंडी में आती है। यहॉ से उतरकर लगभग १४३५ सीढियॉ चढ़कर गए कि रायगड पहुँचते है।पर इस पाचाड खिंडी में ही रायगड के विरुद्ध दिशा में लगभग ४-५ मिनिट की चढाई पर एक गुफा है। उसे "वाघबीळ' या"नाचणटेपाची गुफा' नये ट्रेकर्स इस गुफाको "गन्स ऑफ पाचाड' ऐसा कहने लगे हैं।
 
जगभर की गुफा से इस गुफा की रचना पूर्ण अलग है।पाचाड खिंडी से यहॉ तक चढ़कर आनेपर गुफा का एक सिरा दिखता है। इस सिरे से अंदर आने पर सामने आए दृश्‍य अचंबित करनेवाले है। दो गोलाकृती प्रचंडविशालकाय भोकेदो पलीकडीलछेद बाजूला आहेत.बाजू तिथवरकी गेले,दिवार कीमें पाचाडचाहै भुईकोटवहॉ किल्लागए कि पाचाड का भूमीगत किला, पाचाड गावगाँव और पाचाडपासूनपाचाड तेसे पाचाड खिंडीकडेखिंड तक आनेवाला घाटी रस्ता येणाराअच्छे घाटरस्तासे व्यवस्थितदेख पाहतासकते येतो.हैं।
 
याइस गुहेतगुफा सततमें एकापाठोपाठहमेशा येणाऱ्याएक थंडके वाऱ्याचाबाद झ़ुळकाएक आपलाआनेवाली साराठंड थकवावाऱ हवाएँ सारी थकान दूर करतात.करती है। ज्या अर्थी अश्‍मयुगीन मानवाची इथे वस्ती होती. त्याअर्थी इथे जवळपास बारमाही पाण्याचे एखादे नैसर्गिक ठिकाण निश्‍चित असणार. त्याचा शोध घ्यायलाच हवा. रायगड पाहायला शेकडो-हजारो दुर्गयात्रींना या वाघबीळ गुहेची
 
== इतिहास ==