"प्याज़े का संज्ञानात्मक विकास सिद्धान्त": अवतरणों में अंतर

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1. पूर्व प्रत्यात्मक काल: (2-4 वर्ष)
2. अंतः प्रज्ञककाल: / अन्तर्दर्शि अवधि (4-7 वर्ष)
1-प्राक संक्रियात्मक:बालक संकेत तथा चिन्ह को मस्तिष्क में ग्रहण करते हैं।
बालक निर्जीव वस्तुओं को सजीव समझते हैं।आत्मकेंद्रित हो जाता है बालक।
संकेतों एवं भाषा का विकास तेज होने लगता है।
 
=== मूर्त संक्रियात्मक अवस्था ===