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| [[बाबर]]
| 24 फ़रवरी 1483
| बाबर का जन्म 24 फ़रवरी 1483 ईस्वी में हुआ था। बाबर के पिता उमरशेख मिर्जा, [[फ़रग़ना]] के छोटे राज्य के शासक थे। बाबर फ़रग़ना की गद्दी पर 8 जून 1494 ईस्वी में बैठा। बाबर ने 1507 ईस्वी में बादशाह की उपाधि धारण की, जिसे अब तक किसी तैमूर शासक ने धारण नहीँ किया था। बाबर के चार पुत्र थे हुमायूँ, कामरान, असकरी और हिँदाल। बाबर ने भारत पर पाँच बार आक्रमण किया।
| 1526–1530
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|1530
| बाबर का जन्म 24 फ़रवरी 1483 ईस्वी में हुआ था। बाबर के पिता उमरशेख मिर्जा, [[फ़रग़ना]] के छोटे राज्य के शासक थे। बाबर [[फ़रग़ना वादी|फ़रग़ना]] की गद्दी पर 8 जून 1494 ईस्वी में बैठा। बाबर ने 1507 ईस्वी में बादशाह की उपाधि धारण की, जिसे अब तक किसी तैमूर शासक ने धारण नहीँ किया था। बाबर के चार पुत्र थे हुमायूँ, कामरान, असकरी और हिँदाल। बाबर ने भारत पर पाँच बार आक्रमण किया।
|बाबर के द्वारा लडे गये युद्ध 1-1526 2-1527 3-1528 4-1529
 
 
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| [[हुमायूँ|नसीरुद्दीन मोहम्मद '''हुमायूँ''']]
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| 1806
| 1761 में [[अहमद-शाह-अब्दाली]] का आक्रमण सहा; 1765 में बंगाल, बिहार और उड़ीसा के 'निज़ामी' को BEIC को प्रदान किया, 1803 में औपचारिक रूप से [[ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी|BEIC]] का संरक्षण स्वीकार किया।
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|[[अकबर शाह II]]
| 1760
| 1806-1837
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* [[मुगल चित्रकारी|मुग़ल चित्रकारी]]
* [[तिमुरिड राजवंश]]
* [[भारत का इतिहास, जैसे उनके ख़ुद के इतिहासकारों द्वारा बतया गया है। मुहाम्मदन अवधि|भारत का इतिहास, जैसे उनके ख़ुद के इतिहासकारों द्वारा बतया गया है]]. [[भारत का इतिहास, जैसे उनके ख़ुद के इतिहासकारों द्वारा बतया गया है। मुहम्मदन अवधि|मुहाम्मदन अवधि]] (पुस्तक)
* [[मुग़लों के लिए चार्लमेगन|मुग़ल को चार्लमेगन]]
* [[मुग़ल (जनजाति)]]
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== सन्दर्भ ==
{{Reflist|2}}
== इसके अतिरिक्त पठन ==
== इसके अतिरिक्त पठन == मुगल साम्राज्य के पतन:- 3 मार्च 1707 को अहमदनगर में औरंगजेब की मृत्यु के साथ ही मुगल साम्राज्य का पतन तीव्र से शुरू हो गया । 1707 के बाद का समय उत्तरोत्तर मुगल काल के नाम से जाना जाता है । यदुनाथ सरकार,श्रीराम शर्मा, लिवरपुल जैसे इतिहासकार मुगल साम्राज्य के पतन के लिए औरंगजेब की नीतियों को जिम्मेदार मानते है। इतिहासकारों का दूसरा गुट जिसमें सतिश चन्द्र,इरफान हबीब आदि शामिल है, मुगल साम्राज्य के पतन को दीर्घकालीन प्रक्रिया का परिणाम मानते है
पतन के कुछ प्रमुख कारण:-
* औरेंगजेब की दक्षिण नीति।
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* यूरोपीय व्यापारिक कम्पनियों के प्रभाव
* दर्बल उत्तराधिकारी।
 
 
* एलियट, सर एच.एम., डौसन, जॉन द्वारा संपादित.[[भारत का इतिहास, जैसे उनके ख़ुद के इतिहासकारों द्वारा बतया गया है। मुहम्मदन अवधि|भारत का इतिहास, जैसे उनके ख़ुद के इतिहासकारों द्वारा बतया गया है।]][[भारत का इतिहास, जैसे उनके ख़ुद के इतिहासकारों द्वारा बतया गया है। मुहम्मदन अवधि|मुहाम्मदन अवधि]]; लंदन त्रुब्नेर कंपनी द्वारा प्रकाशित 1867-1877.(ऑनलाइन प्रतिलिपि: [http://persian.packhum.org/persian/main?url=pf%3Ffile%3D80201010%26ct%3D0 भारत का इतिहास, जैसे उनके ख़ुद के इतिहासकारों द्वारा बतया गया है।][http://persian.packhum.org/persian/main?url=pf%3Ffile%3D80201010%26ct%3D0 मुहाम्मदन अवधि; सर एच.एम.एलियट द्वारा; जॉन डौसन द्वारा संपादित; लंदन त्रुब्नेर कंपनी 1867-1877] - यह ऑनलाइन प्रतिलिपि पोस्ट की गई है: [http://persian.packhum.org/persian/ पैकर्ड मानविकी संस्थान, द्वारा; अनुवाद में फारसी पाठ; इसके अलावा अन्य ऐतिहासिक पुस्तकें मिलेंगी: लेखक सूची और शीर्षक की सूची])
* प्रेस्टन, डायना और माइकल; ताजमहल: मुग़ल साम्राज्य का जुनून और हृदय से प्रतिभाशाली; वाकर और कंपनी; ISBN 0-8027-1673-3.