"गुरबचन सिंह सलारिया": अवतरणों में अंतर
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|birth_date= {{birth date|df=yes|1935|11|29}}
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|birth_place= [[पंजाब प्रांत (ब्रिटिश भारत)|पंजाब]], [[ब्रिटिश भारत]] (वर्तमान में [[पाकिस्तान]] का हिस्सा)
|death_place= [[लुबुम्बाशी]], [[कातांगा प्रान्त]], [[कांगो लोकतान्त्रिक गणराज्य]]
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दिसंबर 1961 में कांगो में [[संयुक्त राष्ट्र शांतिस्थापन|संयुक्त राष्ट्र के ऑपरेशन]] के तहत कांगो गणराज्य में तैनात भारतीय सैनिकों में
श्री सलारिया भी शामिल थे। 5 दिसंबर को श्री सलारिया की बटालियन को दो बख्तरबंद कारों पर सवार [[कातांगा प्रान्त|पृथकतावादी राज्य कातांगा]] के 150 सशस्त्र पृथकतावादियों द्वारा एलिज़ाबेविले हवाई अड्डे के मार्ग के अवरुद्धीकरण को हटाने का कार्य सौंपा गया। उनकी रॉकेट लांचर टीम ने कातांगा की बख्तरबंद कारों पर हमला किया और नष्ट कर दिया। इस अप्रत्याशित कदम ने सशस्त्र पृथकतावादियों को भ्रमित कर दिया, और श्री सलारिया ने महसूस किया कि इससे पहले कि वे पुनर्गठित हो जाएं, उन पर हमला करना सबसे अच्छा होगा। हालांकि उनकी सेना की स्थिति अच्छी नहीं थी फिर भी उन्होंने पृथकतावादियों पर हमला करवा दिया और 40 लोगों को कुकरियों से हमले में मार गिराया। हमले के दौरान श्री सलारिया को गले में दो बार गोली
==प्रारम्भिक जीवन और शिक्षा==
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