"मुरुद जंजीरा किला": अवतरणों में अंतर

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किले के मध्यभाग में सुरुलखाना का भव्य बाडा आज जर्जर अवस्था में है। पानी के दो बडे़ तालाब है। किले में पहले तीन मोहल्ले थे। इसमें दो मोहल्ले मुसलमान के और एक अन्य लोगों के थे। पहले किले में बडी बस्ती थी।
{{भारत के किले}}
राजाश्रय समाप्त होने पर वो सर्व बस्ती वहॉ से उठ गई।
 
जंजिरे की तटबंदी से विस्तृत प्रदेश दिखता है। इसमें समुद्र में बांधा कासा उर्फ पद्मदुर्ग और किनारे पर सामराजगड यह भी यहॉ से येथून दिखता है। ३३० वर्ष अभेद्य और अंजिक्य रहा जंजिरे का मेहरुब देखने का इतिहास के अनेक पर्व का आलेख सबकी नजर के सामने से जाता है। थोडा इतिहास का अभ्यास किया तो जंजिरे को भेट देना निश्चित रूप से संस्मरणीय रहेगा।
 
ऐसा हा अजेय जंजिरा, २० सिद्दी सत्ताधीश के बाद आए सिद्दी मुहमंदखान यह आखरी सिद्दी थे, और उस राज्य की स्थापना के बाद ३३० वर्ष बाद मतलब ३ एप्रिल १९४८ को वो राज्य भारतीय संघराज्य में विलीन हुआ।
 
हे सुद्धा पहा
जंजिरा (पुस्तक)
बाह्य दुवे
मुरुड जंजिरा किल्ला
 
 
[[श्रेणी:महाराष्ट् के किले]]