"सीता": अवतरणों में अंतर

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== वनवास ==
राजा [[दशरथराशरथ]] अपनी पत्नी [[कैकेयी]] को दिये वचन के कारण श्रीरामजी को चौदह वर्ष का वनवास हुआ। श्रीरामजी व अन्य बडों की सलाह न मानकर अपने पति से कहा "मेरे पिता के वचन के अनुसार मुझे आप के साथ आप के साथ वनगमन इस राजमहल के सभी सुखोंअनुसा से अधिक प्रिय हैं।" इस प्रकार राम व लक्ष्मण के साथ munnuवनवासवनवास चली गयी।
 
वे [[चित्रकूटस किया। इसी समय [[भरत (रामायण)|भरत]] अपने बड़े भाई श्रीरामजी को मनाकर [[अयोध्या]] ले जाने आये। अंतमे वे श्रीरामजी की पादुका लेकर लौट गये। इसके बाद वे सभी ऋषि [[अत्रि|अत्री]] के आश्रम गये। सीता ने देवी [[अनसूया]] की पूजा की। देवी अनसूया ने सीता को पतिव्रता धर्म का विस्तारपूर्वक उपदेश के साथ चंदन, वस्त्र, आभूषणादि प्रदान किया।वस्त्रकिया। इसके बाद कई ऋषि व मुनि के आश्रम गये, दर्शन व आशिर्वाद पाकर वे पवित्र नदी [[गोदावरी]] तट पर [[पंचवटी]] में वास किया।
 
== अपहरण ==
"https://hi.wikipedia.org/wiki/सीता" से प्राप्त