"गुरबचन सिंह सलारिया": अवतरणों में अंतर

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==प्रारम्भिक जीवन और शिक्षा==
श्री गुरबचन सिंह सलारिया जी का जन्म 29 नवंबर 1935 को शकगरगढ़, पंजाब, [[ब्रिटिश भारत]] (अब पाकिस्तान में) के पास एक गांव जनवाल में हुआ था। वह श्री मुंशी राम जी और श्रीमती धन देवी जी के पांच बच्चों में से दूसरे थे। उनके पिता को पहले [[ब्रिटिश भारतीय सेना]] में हॉसंस हॉर्स के डोगरा स्क्वाड्रन में शामिल किया गया था। अपने पिता और उनकी रेजिमेंट की कहानियों को सुनकर श्री सलारिया जी को बहुत कम उम्र में सेना में शामिल होने की प्रेरणा मिली।
 
भारत के विभाजन के परिणामस्वरूप श्री सलाारिया जी के परिवार वाले पंजाब के भारतीय भाग में चले गए और [[गुरदासपुर]] जिले के जंगल गांव में बस गए। श्री सलारिया जी ने स्थानीय गांव के स्कूल में दाखिला लिया और बाद में 1946 में उन्हें [[बैंगलोर]] में किंग जॉर्ज रॉयल मिलिट्री कॉलेज (केजीआरएमसी) में भर्ती कराया गया। अगस्त 1947 में उन्हें जालंधर में केजीआरएमसी में स्थानांतरित कर दिया गया। केजीआरएमसी से बाहर जाने के बाद वह [[राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (भारत)|राष्ट्रीय रक्षा अकादमी]] (एनडीए) के संयुक्त सेवा विंग में शामिल हुए। 1956 में एनडीए से स्नातक होने पर उन्होंने भारतीय सैन्य अकादमी से 9 जून 1957 को अपना अध्ययन पूरा किया। श्री सलारिया जी को शुरू में 3 गोरखा राइफल्स की दूसरी बटालियन में नियुक्त किया गया था, लेकिन बाद में मार्च 1995 में 1 गोरखा राइफल्स की तीसरी बटालियन में स्थानांतरित कर दिया गया।
 
==कांगो संकट==