"मुईज़ुद्दीन क़ैक़ाबाद": अवतरणों में अंतर
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खिलजी को गैर तुर्क समझा जाता था इस कारण जलालुद्दीन की इस नियुक्ति से तुर्की सरदार असंतुष्ट हो गए।
अब दरबारी सामंतो का विरोध दो प्रतिद्वंद्वी दलों में परिवर्तित हो गया एक का नेता फिरोज खिलजी (जलालुद्दीन खिलजी) तथा दूसरे दल का नेता ऐतमूर सुर्खा था इसी बीच कैकुबाद का फालिज गिर गया तुर्की सरदारों ने इस अवसर का लाभ उठाकर उसके तीन वर्षीय पुत्र #'''क्युमर्स''' को गद्दी पर बैठाया '''[[जलालुद्दीन ख़िलजी|जलालुद्दीन]]''' ने क्युमर्स की हत्या करवा दी खिलजी सरदार ने उसी की चादर में लपेट कर यमुना नदी ने फैक दिया इसी के साथ इलबरी बंश का अंत हो गया तथा '''''[[ख़िलजी वंश|ख़िलजी बंश]]''''' की नाम से एक नई राजबंश सत्ता में आया
---'''सौरभ यादव''' ----
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