"अथर्ववेद संहिता": अवतरणों में अंतर

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:'''यस्य राज्ञो जनपदे अथर्वा शान्तिपारगः।
:'''निवसत्यपि तद्राराष्ट्रं वर्धतेनिरुपद्रवम्।। (अथर्व०-१/३२/३)।
 
शंये नोत्रिशप्ता देवीपरियन्ति अथर्ववेद का प्रथम मंत्र है
 
==परिचय==