"हयवदन (नाटक)": अवतरणों में अंतर

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हयवदन उसे अपने साथ राष्ट्रीय गान गाने के लिए कहता है लेकिन उस लड़के को इसके बारे में कुछ भी नहीं पता I वह अपनी माँ पदमिनी द्वारा गाया जाने वाला गीत ही गाने लगता है जोकि थोडा त्रासदिक है I हयवदन हंसने की कोशिश करता है और उसकी हंसी घोड़े की आवाज़ में बदल जाती है और अब हयवदन पूरी तरह से घोड़ा बन जाता है I
 
भगवत अभनेता को कहता है कि वो ब्राह्मण विद्यासागर के पास जाये और कहे कि उनका पोता एक महान घोड़े पर सवार होकर आ रहा है I भगवत देवता गणेश का नाटक के सुखद अंत के लिए धन्यवाद करता है I <ref>{{Cite web|url=https://www.pustak.org/index.php/books/bookdetails/3102/Hayvadan|title=हयवदन - गिरीश कारनाड Hayvadan - Hindi book by - Girish Karnad|website=www.pustak.org|access-date=2019-10-11}}</ref>
 
== संदर्भ ==