"अर्थशास्त्र (ग्रन्थ)": अवतरणों में अंतर

Jay arbuda
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==अन्य अर्थशास्त्र==
400 र्इ0400र्इ0 सन् के लगभग [[कामन्दक]] ने कौटिल्य के अर्थशास्त्र के आधार पर [[कामन्दकीय नीतिसार]] नामक 20 सर्गों में विभक्त काव्यरूप एक अर्थशास्त्र लिखा था। यह नैतिकता और [[विदेश-नीति]] के सिद्धान्तों पर भी विचार करता है।
 
[[सोमदेव सूरि]] का [[नीतिवाक्यामृत]], [[हेमचन्द्राचार्य|हेमचन्द्र]] का लघु अर्थनीति, [[परमार भोज|भोज]] का युक्तिकल्पतरु, [[शुक्राचार्य|शुक्र]] का [[शुक्रनीति]] आदि कुछ दूसरे सुप्रसिद्ध अर्थशास्त्र हैं, जिनको [[नीतिशास्त्र]] के व्यावहारिक पक्ष की व्याख्या करने वाले ग्रन्थों के अन्तर्गत भी गिना जा सकता है। चाणक्यनीतिदर्पण, नीतिश्लोकों का अव्यवस्थित संग्रह है।