"दशहरा": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
कड़ियाँ लगाई टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल एप सम्पादन Android app edit |
ठीक नही है टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
||
पंक्ति 18:
इस दिन लोग [[शस्त्र]]-[[पूजा]] करते हैं और नया कार्य प्रारम्भ करते हैं (जैसे अक्षर लेखन का आरम्भ, नया उद्योग आरम्भ, [[बीज]] बोना आदि)। ऐसा विश्वास है कि इस दिन जो कार्य आरम्भ किया जाता है उसमें विजय मिलती है। प्राचीन काल में [[राजा]] लोग इस दिन विजय की प्रार्थना कर रण-यात्रा के लिए प्रस्थान करते थे। इस दिन जगह-जगह [[मेला|मेले]] लगते हैं। '''[[रामलीला]]''' का आयोजन होता है। [[रावण]] का विशाल पुतला बनाकर उसे जलाया जाता है। दशहरा अथवा विजयदशमी भगवान [[राम]] की विजय के रूप में मनाया जाए अथवा [[दुर्गा पूजा]] के रूप में, दोनों ही रूपों में यह [[शक्ति]]-[[पूजा]] का पर्व है, शस्त्र पूजन की तिथि है। हर्ष और उल्लास तथा विजय का पर्व है। [[भारतीय संस्कृति]] वीरता की पूजक है, शौर्य की उपासक है। व्यक्ति और समाज के रक्त में वीरता प्रकट हो इसलिए दशहरे का उत्सव रखा गया है। दशहरा का पर्व दस प्रकार के पापों- काम, क्रोध, लोभ, मोह मद, मत्सर, अहंकार, आलस्य, हिंसा और चोरी के परित्याग की सद्प्रेरणा प्रदान करता है।<ref name = "विप्र वार्ता">
{{cite web |url= http://www.vipravarta.org/%E0%A4%B8%E0%A4%A6%E0%A5%8D%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%87%E0%A4%B0%E0%A4%A3%E0%A4%BE-%E0%A4%95%E0%A4%BE-%E0%A4%AA%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%B5-%E0%A4%A6%E0%A4%B6%E0%A4%B9%E0%A4%B0%E0%A4%BE|title= सद्प्रेरणा का पर्व दशहरा|access-date= १९ अक्तूबर २००७ |format= एचटीएम|work= |author= राजकुमार दूबे|last= |first= |authorlink= |publisher= विप्र वार्ता|pages= ०२|language= }}</ref>दशहरा पर्व
== महत्त्व ==
|