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'''दोहरीघाट''' (Dohrighat) [[भारत]] के [[उत्तर प्रदेश]] राज्य के [[मऊ ज़िले]] में स्थित एक नगर है। यहाँ रेलवे स्टेशन है और [[राष्ट्रीय राजमार्ग १२८सी (भारत)|राष्ट्रीय राजमार्ग १२८सी]] भी यहाँ से गुज़रता है।<ref>"[https://books.google.com/books?id=qzUqk7TWF4wC Uttar Pradesh in Statistics]," Kripa Shankar, APH Publishing, 1987, ISBN 9788170240716</ref><ref>"[https://books.google.com/books?id=S46rbUL6GrMC Political Process in Uttar Pradesh: Identity, Economic Reforms, and Governance]," Sudha Pai (editor), Centre for Political Studies, Jawaharlal Nehru University, Pearson Education India, 2007, ISBN 9788131707975</ref>
 
== विवरण ==
दोहरी घाट [[मऊ, उत्तर प्रदेश|मऊ]] जिले में [[घाघरा नदी|घाघरा]](सरयू) नदी के किनारे बसा हुआ एक कस्बा है।यहाँ लोग प्रायः मृतकों के अन्तिम संस्कार के लिए और नदी में स्नान के लिए आते है।घाट के पास "मुक्ति धाम" नाम से पार्क बना है।जिसमे घूमने के लिए आसपास के लोग आते हैं।मुक्ति धाम में तरह तरह के जानवरों को भी रखा गया है जो आकर्षण का केंद्र बनते हैं।मुक्ति धाम में एक बड़ा हाल बना है जहाँ मृतक के अंतिम संस्कार के समय लोग इन्तजार करते है।धीरे धीरे अब मुक्ति धाम के पास तरह तरह की दुकानें भी लगने लगी हैं।पूर्णिमा व अन्य त्योहारों पर यहाँ मेला लगता है।दोहरीघाट (मुक्ति धाम) [[आज़मगढ़]] जिला मुख्यालय से 36 किमी दूर है।यहाँ जाने के लिए बस और टैक्सी जैसे साधन उपलब्ध हैं।आज़मगढ़ से जीयनपुर कस्बे से होते हुए वहाँ पहुँचा जाता है।
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[[चित्र:Doharighat shiv.jpg|अंगूठाकार|dohrighat muktidham]]
 
==== इतिहास : ====
"जब निको दिन आई है बनत न लगिहे देर" - हर बुरे दिन के बाद अच्छा दिन आता है। मुक्तिधाम इसका परम उदाहरण है। भौगोलिक दृष्टि से यह घाघरा वर्तमान सरयू नदी की गोद मे बसी है। यह स्थान श्रद्धालुओं का आकर्षण केन्द्र बना हुआ है तथा समय समय पर मेले लगते हैं। सदियों से गौरवमयी इस स्थान पर दो-हरि यानि श्री राम एंव परशुराम की मिलन स्थली जिसको आज दोहरीघाट के नाम से जानते हैं। यह बाबा भोलेनाथ की परम पवित्र काशी नगरी की परिक्षेय मे आता है इसलिए इसको काशी क्षेत्र के नाम से भी जाना जाता है। सरयू के दक्षिणी पूर्वी द्वार पर बसा यह नगर इसलिए भी धार्मिक दृष्टि से महत्वपुर्ण माना जाता है क्योंकि यहां दो किलोमीटर तक सरयू नदी उत्तर दिशा को बहती है। यहाँ बङे बङे महर्षि तपस्वी व संत वर्षों तक साधना किए हैं, ऐसे महात्माओं मे संत सिरोमणि, नागा बाबा, खाकी बाबा, मेला राम बाबा आदि। भगवान राम द्वारा स्थापित "गौरी शंकर" के भब्य मंदिर के नाते इस स्थान की चर्चा दूर-दूर तक है।
 
== चित्रदीर्घा ==
[[File:Muktidham dohrighat.jpg|200px|मुक्तिधाम]]
[[File:Doharighat shiv.jpg|200px|मुक्तिधाम]]
 
== इन्हें भी देखें ==
* [[मऊ ज़िला]]
 
== सन्दर्भ ==
{{टिप्पणीसूची}}
 
[[श्रेणी:मऊ ज़िला]]
[[श्रेणी:उत्तर प्रदेश के नगर]]
[[श्रेणी: मऊ जिले के शहर]]