"पर्यावरण": अवतरणों में अंतर

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==परिचय==
''सामान्यतः पर्यावरण को मनुष्य के संदर्भ में परिभाषित किया जाता है और मनुष्य को एक अलग इकाई और उसके चारों ओर व्याप्त अन्य समस्त चीजों को उसका पर्यावरण घोषित कर दिया जाता है। किन्तु यहाँ यह भी ध्यातव्य है कि अभी भी इस धरती पर बहुत सी मानव सभ्यताएँ हैं, जो अपने को पर्यावरण से अलग नहीं मानतीं और उनकी नज़र में समस्त [[प्रकृति]] एक ही इकाई है।जिसका मनुष्य भी एक हिस्सा है।<ref>Jamieson, Dale. (2007). The Heart of Environmentalism. In R. Sandler & P. C. Pezzullo. Environmental Justice and Environmentalism. (pp. 85-101). Massachusetts Institute of Technology Press.</ref> वस्तुतः मनुष्य को पर्यावरण से अलग मानने वाले वे हैं जो तकनीकी रूप से विकसित हैं और विज्ञान और [[तकनीक]] के व्यापक प्रयोग से अपनी प्राकृतिकङङप्राकृतिक दशाओं में काफ़ी बदलाव लाने में समर्थ हैं।''
 
''मानव हस्तक्षेप के आधार पर पर्यावरण'' को दो प्रखण्डों में विभाजित किया जाता है - प्राकृतिक या नैसर्गिक पर्यावरण और [[मानव निर्मित पर्यावरण]]।<ref>बासक, अनिंदिता - [http://books.google.co.in/books?id=gWyUErc2c_4C&lpg=PT4&dq=%E0%A4%AA%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%B5%E0%A4%B0%E0%A4%A3%20%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%9C%E0%A5%8D%E0%A4%9E%E0%A4%BE%E0%A4%A8&pg=PT4#v=onepage&q=%E0%A4%AA%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%B5%E0%A4%B0%E0%A4%A3%20%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%9C%E0%A5%8D%E0%A4%9E%E0%A4%BE%E0%A4%A8&f=false पर्यावरणीय अध्ययन], गूगल पुस्तक, (अभिगमन तिथि 04-08-2014</ref> हालाँकि पूर्ण रूप से प्राकृतिक पर्यावरण (जिसमें मानव हस्तक्षेप बिल्कुल न हुआ हो) या पूर्ण रूपेण मानव निर्मित पर्यावरण (जिसमें सब कुछ मनुष्य निर्मित हो), कहीं नहीं पाए जाते। यह विभाजन प्राकृतिक प्रक्रियाओं और दशाओं में मानव हस्तक्षेप की मात्रा की अधिकता और न्यूनता का द्योतक मात्र है। [[पारिस्थितिकी]] और [[पर्यावरण भूगोल]] में प्राकृतिक पर्यावरण शब्द का प्रयोग [[पर्यावास]] (habitat) के लिये भी होता है।