"महर्षि महेश योगी": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:MaharishiMaheshYogi-01.jpg|thumb|right|300px|महर्षि महेश योगी]]
[[चित्र:Maharishi Huntsville Jan 1978A.JPG|right|thumb|300px|१९७८ में महर्षि महेश योगी]]
'''महर्षि महेश योगी''' का जन्म [[12 जनवरी]] [[1918]] को [[छत्तीसगढ़]] के राजिम शहर के पास पांडुका गाँव में हुआ था।<ref>{{cite web |url= http://www.bbc.co.uk/hindi/news/story/2008/02/080206_yogi_death.shtml |title= महर्षि महेश योगी का निधन |access-date=[[6 फरवरी]] [[2008]]|format=एसएचटीएमएल|publisher=बीबीसी}}</ref> उनका मूल नाम '''महेश प्रसाद वर्मा ''' था। उन्होने [[इलाहाबाद विश्वविद्यालय]] से [[भौतिकी]] में स्नातक की उपाधि अर्जित की। उन्होने तेरह वर्ष तक ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी [[ब्रह्मानन्द सरस्वती]] के सानिध्य में शिक्षा ग्रहण की। महर्षि महेश योगी ने शंकराचार्य की मौजूदगी में रामेश्वरम में 10 हजार बाल ब्रह्मचारियों को आध्यात्मिक योग और साधना की दीक्षा दी। हिमालय क्षेत्र में दो वर्ष का मौन व्रत करने के बाद सन् [[1955]] में उन्होने '''टीएम तकनीक''' की शिक्षा देना आरम्भ की। सन् [[1957]] में उनने '''टीएम आन्दोलन''' आरम्भ किया और इसके लिये विश्व के विभिन्न भागों का भ्रमण किया। महर्षि महेश योगी द्वारा चलाया गए आंदोलन ने उस समय जोर पकड़ा जब रॉक ग्रुप 'बीटल्स' ने [[1968]] में उनके आश्रम का दौरा किया। इसके बाद गुरुजी का ट्रेसडेंशल मेडिटेशन अर्थात भावातीत ध्यान पूरी पश्चिमी दुनिया में लोकप्रिय हुआ।<ref>{{cite web |url= http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/2760410.cms|title='बीटल्स' के अध्यात्म गुरु महर्षि महेश योगी का निधन
|access-date=[[6 फरवरी]] [[2008]]|format=सीएमएस|publisher=नवभारत टाइम्स}}</ref> उनके शिष्यों में पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी से लेकर आध्यात्मिक गुरू दीपक चोपड़ा तक शामिल रहे।<ref>{{cite web |url= http://hindi.webdunia.com/news/news/international/0802/06/1080206001_1.htm|title=महर्षि महेश योगी का निधन |access-date=[[6 फरवरी]] [[2008]]|format=एचटीएम|publisher=वेबदुनिया}}</ref>
 
महर्षि महेश योगी ने वेदों में निहित ज्ञान पर अनेक पुस्तकों की रचना की। महेश योगी अपनी शिक्षाओं एवं अपने उपदेश के प्रसार के लिये आधुनिक तकनीकों का सहारा लेते हैं। उन्होने [[महर्षि मुक्त विश्वविद्यालय]] स्थापित किया जिसके माध्यम से 'आनलाइन' शिक्षा दी जाती है। वे साप्ताहिक विडियो पत्रकार वार्ता आयोजित करते हैं। वे [[महर्षि प्रसारण]] के लिये [[उपग्रह]] व अन्तरजाल का सहारा लेते हैं।
 
अपनी विश्व यात्रा की शुरूआत 1959 में अमेरिका से करने वाले महर्षि योगी के दर्शन का मूल आधार था, ' जीवन परमआनंद से भरपूर है और मनुष्य का जन्म इसका आनंद उठाने के लिए हुआ है। प्रत्येक व्यक्ति में ऊर्जा, ज्ञान और सामर्थ्य का अपार भंडार है तथा इसके सदुपयोग से वह जीवन को सुखद बना सकता है।' वर्ष 1990 में हॉलैंड के व्लोड्राप गाँव में ही अपनी सभी संस्थाओं का मुख्यालय बनाकर वह यहीं स्थायी रूप से बस गए और संगठन से जुड़ी गतिविधियों का संचालन किया। दुनिया भर में फैले लगभग 60 लाख अनुयाईयों के माध्यम से उनकी संस्थाओं ने आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति और प्राकृतिक तरीके से बनाई गई कॉस्मेटिक हर्बल दवाओं के प्रयोग को बढ़ावा दिया।<ref>{{cite web |url= http://hindi.in.msn.com/news/international/article.aspx?cp-documentid=1228030|title=महर्षि महेश योगी का निधन
|access-date=[[6 फरवरी]] [[2008]]|format=एएसएक्सपी|publisher=एमएसएन हिन्दी}}</ref>
 
[[चित्र:Maharishi Vedic University Vlodrop Holland.jpg|thumb|right|300px|हॉलैंड के व्लोड्राप नगर में महर्षि का वैदिक विश्वविद्यालय]]डच के स्थानीय समय के अनुसार एम्सटर्डम के पास छोटे से गाँव व्लोड्राप में स्थित अपने आवास में मंगलवार देर रात उन्होंने अपना शरीर त्याग दिया। पिछले महीने 11 जनवरी को महर्षि योगी ने ये कहते हुए अपने आपको सेवानिवृत्त घोषित कर दिया था कि उनका काम पूरा हो गया है और अपने गुरु के प्रति जो कर्तव्य था वो पूरा कर दिया है।<ref>{{cite web |url= http://www.hindimedia.in/content/view/1162/134/ |title= दुनिया के सबसे रईस अध्यात्मिक गुरु महेश योगी क निधन|access-date=[[6 फरवरी]] [[2008]]|format=|publisher= हिंदीमीडिया.इन}}</ref>
== मुद्रा 'राम'==
महर्षि योगी ने एक मुद्रा की स्थापना भी की थी। महर्षि महेश योगी की मुद्रा ''राम'' को नीदरलैंड में क़ानूनी मान्यता प्राप्त है। ''राम'' नाम की इस मुद्रा में चमकदार रंगों वाले एक, पाँच और दस के नोट हैं। इस मुद्रा को महर्षि की संस्था ''ग्लोबल कंट्री ऑफ वर्ल्ड पीस'' ने अक्टूबर २००२ में जारी किया था। डच सेंट्रल बैंक के अनुसार ''राम'' का उपयोग क़ानून का उल्लंघन नहीं है। बैंक के प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि इसके सीमित उपयोग की अनुमति ही दी गई है। अमरीकी राज्य आइवा के महर्षि वैदिक सिटी में भी ''राम'' का प्रचलन है। वैसे 35 अमरीकी राज्यों में ''राम'' पर आधारित बॉन्डस चलते हैं। नीदरलैंड की डच दुकानों में एक ''राम'' के बदले दस यूरो मिल सकते हैं। डच सेंट्रल बैंक के प्रवक्ता का कहना है कि इस वक्त कोई एक लाख ''राम'' नोट चल रहे हैं।<ref>{{cite web |url= http://www.bbc.co.uk/hindi/news/030207_raamcurrency_vv.shtml |title= ख़रीददारी कीजिए 'राम' देकर