"महाबलेश्वर": अवतरणों में अंतर

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कृष्णाबाई मंदिर
पंचगंगा मंदिर के पीछे एकदम पास कृष्णाबाई नाम का मंदिर है जहाँ कृष्णा नदी की पूजा की जाती हे। सन १८८८ में कोकण यहॉ के राजे 'रत्नगिरीओण' ने उंची पहाडी पर यह बांधा जहाँ से पूर्ण कृष्णा खाड़ी दिखाई देती है। इस मंदिर में शिव लिंग और कृष्ण की मूर्ती है।छोटासा प्रवाह गोमुख में से बहता है और वह पानी के कुंड में पडता है। पूर्ण मंदिर छत सह पत्थरों से बना है। इस मंदीर के समीप दलदल हुई है और नाशवंत स्थिती में है। यहाँ पर्यटक बहुत कम आते है इस कारण यह अकेला पडा है। इस स्थान से बहुत ही सुंदर ऐसा कृष्णा नदीका विलोभनीय नजारा दिखाई देता है।
 
मंकी पॉइंट
इस ठिकाने को यह नाम इसलिए दिया है क्योंकि यहॉ नैसर्गिक रूप से तीन पत्थर है जो मंकी जैसे आमने सामने बैठे है ऐसा लगता है और गांधीजीं के शब्दाें की याद करा देते है। वहॉ की गहरी खाई में देखे तो एक बड़े पाशान पर ३ होशियार मंकी आमनेसामने बैठे है ऐसा चित्र दिखता है।आर्थर सीट पॉइंट को जाने के मार्गा पर यह पॉइंट है।
 
आर्थर सीट पॉइंट
समुद्र तल से १,३४० मीटर उचाँई पर यह महाबळेश्वर का एक पॉइंट है। सर आर्थर इनके नाम पर इस जगह को यह नाम मिला है।अतिशय नैसर्गिक सौंदर्य के लिए यह स्थान प्रसिद्ध है यह एक सुंदर स्थान है । नीचे बहुत गहरी खाई है।
 
वेण्णा लेक (वेण्णा तलाव)
महाबळेश्वर यह आराम के लिए स्थान है साथ ही यह स्थान पर्यटक के लिए प्रसिद्ध है।वेन्ना लेक यह यात्रियों के लिए महाबळेश्वर का एक प्रमुख आकर्षक स्थान है। यह लेक सब बाजू से हरी भरी झाड़ियों से घिरा है। वहॉ से लेक का नजारा नजर में कैद कर सकते है। प्रसिद्ध बाजारपेठ में रहकर भी आनंद ले सकते हैं।
 
केइंटटस् पॉ
 
== जनसंख्या ==