"सिकंदर": अवतरणों में अंतर

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इसी भरी markat में सिकंदर की गर्दन पर एक लोहे की lathi का प्रहार हुआ और सिकंदर अचेत हो गया। उसके अन्ग्रक्षक उसी अवस्था में सिकंदर को निकाल ले गए। भारत में सिकंदर का संघर्ष सिकंदर की मोत का कारण बन गया।
अपने देश वापस जाते हुए वह बेबीलोन में रुका। भारत विजय करने में उसका घमंड चूर चूर हो गया। इसी कारण वह अत्यधिक मद्यपान करने लगा, और ज्वर से पीड़ित हो गया। तथा कुछ दिन बाद उसी ज्वर ने उसकी जान ले ली।
इस बात को यूनानी इतिहासकारों द्वारा दबा दिया गया कि सिकन्दर पुरू को जीत नही पाया था
स्पष्ट रूप से पता चलता है कि सिकंदर भारत के एक भी राज्य को नही जीत पाया। परंतू पुरु से इतनी मार खाने के बाद भी इतिहास में जोड़ दिया गया कि सिकंदर ने पुरु पर जीत हासिल की। भारत में भी महान राजा पुरु की जीत को पुरु की हार ही बताया जाता है। यूनान सिकंदर को महान कह सकता है लेकिन भारतीय इतिहास में सिकंदर को नही बल्कि उस पुरु को महान लिखना चाहिए जिन्होंने एक विदेशी आक्रान्ता का मानमर्दन किया। -->