"शून्य": अवतरणों में अंतर

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'''शून्य''' (0) एक [[अंक]] है जो संख्याओं के निरूपण के लिये प्रयुक्त आजकी सभी [[स्थानीय मान पद्धति]]यों का अपरिहार्य प्रतीक है। इसके अलावा यह एक [[संख्या]] भी है। दोनों रूपों में [[गणित]] में इसकी अत्यन्त महत्वपूर्ण भूमिका है। [[पूर्णांक|पूर्णांकों]] तथा [[वास्तविक संख्या]]ओं के लिये यह [[योग का तत्समक अवयव]] (additive identity) है।
 
[[ग्वालियर का क़िला|ग्वालियर दुर्ग]] में स्थित एक छोटे से मन्दिर की दीवार पर शून्य (०) उकेरा गया है जो शून्य के लेखन का दूसरा सबसे पुराना ज्ञात उदाहरण है। यह शून्य आज से लगभग १५०० वर्ष पहले उकेरsiraj uddeen alviाउकेरा गया था।<ref>[http://www.smithsonianmag.com/smart-news/you-can-visit-the-worlds-oldest-zero-at-a-temple-in-india-2120286/?no-ist You Can Visit the World’s Oldest Zero at a Temple in India], Smithsonian magazine</ref>
 
लेकिन शून्य के अविष्कार को लेकर कुछ अलग तथ्य भी है की अगर शून्य का अविष्कार 5वीं सदी में आर्यभट्ट जी ने किया फिर हजारों वर्ष पूर्व रावण के 10 सिर बिना शून्य के कैसे गिने गए बिना शून्य के कैसे पता लगा कि कौरव 100 थे ऐसे कुछ अलग अलग बाते है लेकिन आज तक यही कहा जा रहा की शून्य का अविष्कार 5वीं सदी में आर्यभट्ट जी ने किया था |
 
 
 
 
 
 
[[ग्वालियर का क़िला|ग्वालियर दुर्ग]] में स्थित एक छोटे से मन्दिर की दीवार पर शून्य (०) उकेरा गया है जो शून्य के लेखन का दूसरा सबसे पुराना ज्ञात उदाहरण है। यह शून्य आज से लगभग १५०० वर्ष पहले उकेरsiraj uddeen alviा गया था।<ref>[http://www.smithsonianmag.com/smart-news/you-can-visit-the-worlds-oldest-zero-at-a-temple-in-india-2120286/?no-ist You Can Visit the World’s Oldest Zero at a Temple in India], Smithsonian magazine</ref>
 
== गुण ==
"https://hi.wikipedia.org/wiki/शून्य" से प्राप्त